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यूक्रेन-रूस तनाव पर भारत की अपील, संयम और कूटनीतिक तरीके से निकाले हल 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है. रूस के इस कदम से पैदा हुए तनाव पर चर्चा के लिए मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद की आपातकाल बैठक आयोजित की गई.

Updated on: 22 Feb 2022, 09:25 AM

highlights

  • रूस ने अलगाववादी क्षेत्र को दी मान्यता
  • रूस के इस कदम से चिढ़ा अमेरिका 
  • यूक्रेन तनाव पर UNCS की आपात बैठक

वाशिंगटन.:

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है. रूस के इस कदम से पैदा हुए तनाव पर चर्चा के लिए मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने रूस-यूक्रेन संकट पर भारत का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि इन घटनाक्रमों से क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को खतरा पहुंच सकता है। भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने और कूटनीतिक तरीके से समस्या का हल निकालने की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति कहा कि हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन पक्षों द्वारा हाल ही में की गई पहलों को जगह देने की जरूरत है, जो तनाव को दूर करना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूक्रेन में भारत के 20000 से ज्यादा छात्र और नागरिक रहते हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारे से लिए बहुत ही जरूरी है.

अमेरिका ने दी और कदम उठाने की धमकी
पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को रूस की ओर से मान्यता देने से नाराज अमेरिका ने यूएनएससी की बैठक में कहा कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय कानून के स्पष्ट उल्लंघन के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने के लिए और कदम उठाएगा. यूएनएससी की इस अहम बैठक में अमेरिका ने कहा कि हम और हमारे सहयोगी स्पष्ट रूप से यूक्रेन पर रूस द्वारा और आक्रमण करने पर त्वरित और गंभीर प्रतिक्रिया देंगे. ऐसे वक्त में कोई भी किनारे पर खड़ा नहीं हो सकता. यूएनएससी की आपात बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर रूस का स्पष्ट हमला अकारण है. यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्य के रूप में यूक्रेन की स्थिति पर हमला है. यह अंतरराष्ट्रीय कानून के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करता है.

यूरोपीय संघ  ने किया रूस के फैसले का विरोध
यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के रूस के कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि वह इसमें शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा. इस बयान के जरिए ईयू ने यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपना समर्थन दोहराया. 

यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा
गौरतलब है कि रूस ने रविवार को यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया था. रूस ने यूक्रेन की उत्तरी सीमा से लगे बेलारूस में करीब 30,000 सैनिकों की तैनाती नए सिरे से की है. साथ ही यूक्रेन की सीमाओं पर 1 लाख 50 हजार सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है. 

अलगाववादी नेताओं के नुरोध पर रूस ने लिया फैसला
गौरतलब है कि यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने टेलीविजन एक बयान के जरिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन से अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें . इसके साथ ही इन नेताओं ने कहा था कि हमारे साथ मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करके उनके खिलाफ जारी यूक्रेनी सेना के हमलों से उनकी रक्षा करने के लिए सैन्य सहायता भेजें. इसके बाद रूस ने अलगाववादी क्षेत्र को मान्यता देकर पश्चिमी देशों को नाराज कर दिया है.

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यूक्रेन में रूसी सेना और हथियार भेजने का रास्ता हुआ साफ 
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है. रूस के इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और बढ़ेगा. राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पुतिन ने यह घोषणा की और इसी के साथ मॉस्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के खुलकर बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है.  पुतिन के इस फैसले की अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसा देशों ने निंदा की है.