पाकिस्तान ने भारतीयों के लिए जारी किया Visa, गजनवी के आक्रमण से कटासराज मंदिर हुआ था क्षतिग्रस्त
श्री कटास राज टेम्पल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चकवाल डिस्ट्रिक्ट में स्थित है. यह मंदिर बेहद प्राचीन है, जिसका जिक्र महाभारत काल में भी मिलता है. कहते हैं कि इसी मंदिर के सरोवर किनारे यक्ष- युधिष्ठिर संवाद हुआ था.
highlights
- पाकिस्तान की ओर से भारतीय श्रद्धालुओं को दिया गया वीसा
- महाभारत काल में कटासराज मंदिर का है उल्लेख
- विश्व प्रसिद्ध रोमा संगीत का उद्भव केंद्र
नई दिल्ली:
पाकिस्तान स्थित हिंदुओं के पवित्र मंदिर में से एक श्री कटास राज टेम्पल यात्रा के लिए पाकिस्तान ने 112 भारतीयों को वीसा जारी किया. इस पवित्र मंदिर की यात्रा श्रद्धालु 17 से 23 दिसंबर के बीच कर सकेंगे. भारत और पाकिस्तान के बीच विजिट टू रिलीजियस श्राइन प्रोटोकॉल 1973 है, जिसके तहत दोनों देश श्रद्धालुओं को पवित्र धार्मिक स्थल की यात्रा के लिए वीसा जारी करते हैं. श्री कटास राज टेम्पल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में चकवाल डिस्ट्रिक्ट में स्थित है. यह मंदिर बेहद प्राचीन है, जिसका जिक्र महाभारत काल में भी मिलता है.
कहते हैं कि इसी मंदिर के सरोवर किनारे यक्ष- युधिष्ठिर संवाद हुआ था. मान्यता के मुताबिक इसी स्थान पर देवी सती की अग्नि समाधि के बाद भगवान शिव के आंसू गिरे थे, जिससे यहां सरोवर का निर्माण हुआ था. कटासराज शब्द की उत्पत्ति कटाक्ष से मानी जाती है जो भगवान शिव ने दक्ष प्रजापति को लेकर किए थे.
एक दौर में यह मंदिर ज्ञान, संगीत, अध्यात्म और कला का प्रसिद्ध केंद्र होता था जहां 10 हजार से ज्यादा विद्वान रहा करते थे. 11वीं सदी में आक्रांता महमूद गजनवी के आक्रमण से इस प्राचीन मंदिर का वैभव नष्ट हुआ. अपनी जीवन रक्षा के लिए विद्वान और कलाकारों ने यहां से पलायन किया. बहुतों को बंदी बनाकर अरब में बेच दिया गया, जहां से वे यूरोप की ओर पलायन कर गए.
कई शोधों में यह पाया गया कि यूरोप के जिप्सी और रोमा जाति के लोग इन्हीं कलाकारों के वंशज हैं, जिनके संगीत को रोमा संगीत कहा जाता है. रोमा संगीत में संस्कृत के शब्दों का प्रयोग इस पवित्र स्थल से रोमाओ के संबंध स्थापित करता है.
इस तरह विश्व प्रसिद्ध रोमा संगीत का उद्भव क्षेत्र भी इसी मंदिर परिसर को माना जाता है. यहां अब सिर्फ चार मंदिरों के अवशेष ही शेष हैं, जिसमें भगवान शिव, राम और हनुमानजी के मंदिर हैं. यहां बौद्ध स्तूप, जैन मंदिर और सिख धर्म से जुड़े स्थल भी हैं.
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