स्वेज नहर से हफ्ते भर बाद निकला फंसा कंटेनर शिप एवर गिवेन
एवर गिवेन जहाज को 25 भारतीय चला रहे हैं. सभी भारतीय चालक पूरी तरह से सुरक्षित बताए गए हैं.
highlights
- स्वेज नहर में फंसा कंटेनर शिप हफ्ते भर बाद निकला
- इस वजह से लगे जाम में फंसे थे सैकड़ों अन्य जहाज
- भीषण ट्रैफिक जाम का असर दुनिया में साफ दिखा
काहिरा:
बीते लगभग एक हफ्ते से स्वेज नहर (Suez Canal) सोमवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 4:30 मालवाहक जहाज एवर गिवेन को निकाल लिया गया है और वह अब अपनी मंजिल की ओर बढ़ चला है. समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने यह जानकारी दी है. इस विशालकाय जहाज को हटाने के काम में दो विशेष जहाजों को खींचने में इस्तेमाल आने वाली शक्तिशाली नौकाएं लगायी गईं थी. एशिया (Asia) और यूरोप (Europe) के बीच माल लेकर जाने वाला, पनामा के ध्वज वाला एवर गिवेन नामक विशाल जहाज मंगलवार को इस नहर में फंस गया था. तब से अधिकारी जहाज को निकालने तथा जलमार्ग को जाम से मुक्त करने की फिर से कोशिश में जुटे थे. इस नहर से रोजाना नौ अरब डॉलर का कारोबार होता रहा है.
भारतीय चला रहे थे एवर गिवेन
एवर गिवेन जहाज को 25 भारतीय चला रहे हैं. सभी भारतीय चालक पूरी तरह से सुरक्षित बताए गए हैं. 193.3 किलोमीटर लंबी स्वेज नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है. इसी रास्ते से दुनिया के करीब 30 फीसदी शिपिंग कंटेनर गुजरते हैं. पूरी दुनिया के 12 फीसदी सामानों की ढुलाई भी इसी नहर के जरिए होती है. जहाज के फंसने से वैश्विक परिवहन और व्यापार पर बहुत बुरा असर पड़ा है जो पहले से ही कोरोना महामारी से प्रभावित है. बर्नहार्ड शिपमैनेजमेंट ने कहा कि प्रारंभिक जांच में किसी यांत्रिक गड़बड़ी या ईंजन का विफल होना जहाज की फंसने की वजह के रूप में सामने नहीं आया है. विश्व के व्यस्ततम समुद्री रास्तों में से एक मिस्र के स्वेज नहर में विशाल कंटेनर शिप एवर गिवेन के फंसने से दुनियाभर के 300 से ज्यादा मालवाहक जहाज और तेल कंटेनर फंस गए थे.
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ट्रैफिक जाम का पड़ा दुनिया पर असर
समुद्र में लगे भीषण ट्रैफिक जाम का असर दुनिया में साफ दिखाई देने लगा था. टॉयलेट पेपर बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी सुजानो एसए ने चेतावनी दी थी कि जहाज के फंसने से वैश्विक स्तर पर टॉयलेट पेपर का संकट पैदा हो सकता है. सुजानो एसए ने कहा कि टॉयलेट पेपर को ले जाने जहाजों और शिपिंग कंटेनर की भारी कमी हो गई है. स्वेज नहर में लगे इस जाम से बचने के लिए कई देशों के जहाज अफ्रीका का चक्कर लगाते हुए जा और आ रहे थे. इससे सामानों के आने में एक सप्ताह का समय बढ़ गया है. राबेई ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नहर के तल पर जमे कीचड़ को साफ करने से जहाज को बिना उसका माल हटाए निकाला जा सकेगा, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि 'हम मुश्किल स्थिति में है, यह बुरी घटना है'.
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