दिवालिया पाकिस्तान पर कुदरत का कहर, बाढ़ ने ली 357 जानें
इस महीने कराची शहर में अभूतपूर्व 22.3 इंच बारिश हुई है. यह आंकड़ा कराची के मौजूदा औसत से लगभग तीन गुना और दो दशक पहले की तुलना में चार गुना से अधिक है.
highlights
- बीते पांच सप्ताह से पाकिस्तान भारी बारिश की मार झेल रहा
- शहबाज शरीफ ने इसके लिए जलवायु परिवर्तन पर मढ़ा दोष
- शहरों की सड़कें बनी नदियां, तो जाम सीवर से उफनाई नालियां
कराची:
आर्थिक स्तर पर दिवालिया होने की कगार पर जा पहुंचे पाकिस्तान (Pakistan) पर कुदरत का कहर भी बरस रहा है. 14 जून से शुरू हुई बारिश बीते पांच सप्ताह में पाकिस्तान के तमाम शहरों के लिए आफत बन गई है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक बीते पांच सप्ताह में भारी बारिश से आई बाढ़ (Floods) के चलते 357 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, तो 400 से अधिक घायल हो चुके हैं. 14 जून से पूरे पाकिस्तान में भारी मानसूनी बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण मानव जान, बुनियादी ढांचे, सड़क नेटवर्क और घरों को भारी संख्या भी नुकसान पहुंचा है. वजीर-ए-आलम शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) इस बाढ़ के लिए जलवायु परिवर्तन (Climate Change) को जिम्मेदार बता रहे हैं.
कराची में इस महीने 22.3 इंच बारिश
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयान को पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग भी पुष्टि करता है. इसके निदेशक सरदार सरफराज के मुताबिक इस महीने कराची शहर में अभूतपूर्व 22.3 इंच बारिश हुई है. यह आंकड़ा कराची के मौजूदा औसत से लगभग तीन गुना और दो दशक पहले की तुलना में चार गुना से अधिक है. उनके मुताबिक जलवायु परिवर्तन ने महज दो दशक में कराची में होने वाली बारिश के औसत को चार गुना तक बढ़ाया है. वहां के पर्यावरण एनजीओ जर्मवॉच के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण चरम मौसम की चपेट में आने वाले देशों की सूची में पाकिस्तान आठवें स्थान पर है. ऐसे में जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर भी पाकिस्तान पर पड़ना लाजिमी है.
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बलूचिस्तान सबसे ज्यादा प्रभावित
बारिश ने बुनियादी ढांचों की पोल खोल कर रख दी है. नालों की ठीक साफ-सफाई नहीं होने से शहर के शहर टापू बन गए हैं. सीवर जाम होने से सड़के नदियों में तब्दील हो गई हैं. गांवों में तो स्थितियां और भी बद्तर हैं. बाढ़ के पानी ने फसलों और घरो को तो नुकसान पहुंचाया ही, वहीं बिजली के लिए लगे सोलर पैनल को भी ख़राब कर दिया है. 2400 से अधिक सोलर पैनल को नुकसान पहुंचा है. साथ ही 16 बांधों की दीवारों में भी नुकसान की खबर है. बलूचिस्तान और कराची इस समय सबसे अधिक बारिश की मार को झेल रहा है. अकेले दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में 111 लोगों की मौत हुई है. बाढ़ के कारण बलूचिस्तान के 10 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
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राहत एवं बचाव कार्यों में आ रही दिक्कत
एनडीएमए के आंकड़ों के अनुसार बारिश और बाढ़ से कुल 23,792 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वही दर्जनों पुल और दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहा है. वर्तमान में बाढ़ की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रहा है. एनडीएमए ने कहा कि पंजाब प्रांत में 76, खैबर पख्तूनख्वा में 70, जबकि देश के अन्य हिस्सों में 15 लोग मारे गए हैं. इस बीच पाकिस्तानी सेना के साथ संबंधित शहरों में नागरिक प्रशासन प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत अभियान चला रहा है. अधिकारी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज रहे हैं, प्रभावित लोगों को भोजन और पानी उपलब्ध करा रहे हैं, जबकि डॉक्टर और पैरामेडिक्स घायलों का इलाज कर रहे है.
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