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चीन से तनाव के बीच हिंसा की आग व्हाइट हाउस पहुंची, ट्रंप को सुरक्षा के लिए लेनी पड़ी बंकर की शरण

व्हाइट हाउस (White House) के बाहर विरोध कर रहे लोगों ने आगजनी कर दी, तो ट्रंप की सुरक्षा में तैनात कमांडो कुछ देर के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को व्हाइट हाउस में बने भूमिगत बंकर में ले गए.

Updated on: 01 Jun 2020, 10:05 AM

highlights

  • अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद तीन दर्जन शहर हिंसा की चपेट में.
  • नस्लीय हिंसा के विरोध की आग व्हाइट हाउस पहुंची. दंगे जैसी स्थिति.
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एहितियातन लेनी पड़ी बंकर में शरण.

वॉशिंगटन:

कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण और इस फेर से चीन (China) से तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को अपने ही घर में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर जॉर्ज फ्लॉयड नाम के अश्वेत शख्स के पुलिस अधिकारी के हाथों मारे जाने के बाद अमेरिका के कई शहरों में हिंसा फैल गई है. तीन दर्जन शहरों में हिंसा की खबरों के बीच विरोध की आग वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस तक पहुंच गई. व्हाइट हाउस (White House) के बाहर विरोध कर रहे लोगों ने आगजनी कर दी, तो ट्रंप की सुरक्षा में तैनात कमांडो कुछ देर के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को व्हाइट हाउस में बने भूमिगत बंकर में ले गए. इसे देखते हुए शहर के मेयर ने वॉशिंगटन डीसी में कर्फ्यू लगा दिया है.

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व्हाइट हाउस के बाहर दंगे जैसी स्थिति
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक व्हाइट हाउस के बाहर दंगे जैसी स्थिति संभालने तक ट्रंप को बंकर में रखना पड़ा. ट्रंप करीब एक घंटे से ज्यादा बंकर में रहे. हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि फर्स्ट लेडी मेलेनिया ट्रंप और बैरॉन ट्रंप को बंकर में ले जाया गया था या नहीं. सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत राष्ट्रपति के पूरे परिवार को ऐसी स्थिति में बंकर में शिफ्ट कर दिया जाता है. हालांकि ट्रंप ने देश में जारी प्रदर्शनों से निपटने के लिए नेशनल गार्ड और सीक्रेट सर्विस की काफी तारीफ की है. ट्रंप ने आरोप लगाया है कि डेमोक्रेट गवर्नर अपने समर्थकों को व्हाइट हाउस के बाहर इकठ्ठा होने और उग्र प्रदर्शन करने के लिए उकसा रहे हैं. शनिवार को व्हाइट हाउस के बाहर ट्रंप के समर्थक भी पहुंच गए थे जिसके बाद स्थिति और गंभीर हो गयी थी.

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तीन दर्जन शहर हिंसा की चपेट में
गौरतलब है कि अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का वीडियो वायरल होने के बाद से ही अमेरिका के तीन दर्जन शहरों में शुक्रवार से हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है. इनमें से कुछ प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया और पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई. शनिवार को भी प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के बाहर इकठ्ठा हुए लेकिन पुलिस ने कुछ ही मिनटों बाद उन्हें आंसू गैस के गोलों और लाठीचार्ज कर हटा दिया. वॉशिंगटन डी.सी की मेयर मूरियल बोसर ने कहा कि मिनियापोलिस की पुलिस हिरासत में एक निहत्थे अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद व्हाइट हाउस के बाहर रविवार रात को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर वह शहरव्यापी कर्फ्यू लगा रही हैं. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि कर्फ्यू (अमेरिकी समयानुसार) 31 मई रविवार रात 11 बजे से 1 जून सोमवार सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा.

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अश्वेत को गर्दन दबा कर मारा था
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने स्थानीय पुलिस के समर्थन के लिए डी.सी. नेशनल गार्ड को भी बुलाया है. अमेरिका की राजधानी में फ्लॉयड की मौत के विरोध में रविवार को लगातार तीसरे दिन प्रदर्शन हुआ. वॉशिंगटन डीसी के चीफ ऑफ पुलिस पीटर न्यूजहैम ने कहा, 'मेट्रोपॉलिटन पुलिस डिपार्टमेंट ने शनिवार रात 17 लोगों को गिरफ्तार किया और विरोध-प्रदर्शन के दौरान 11 पुलिस अधिकारी घायल हो गए हैं.' गौरतलब है कि एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने 25 मई को 46 वर्षीय फ्लॉयड को उसकी गर्दन पर घुटना रखकर पकड़ा. इस दौरान वह बार-बार निवेदन कर कहता रहा, 'मैं सांस नहीं ले सकता..प्लीज, मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं. मुझे छोड़ें.' हालांकि, बाद में पुलिस अधिकारी को थर्ड डिग्री देने और हत्या के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया था.