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लोकसभा चुनाव

अमेरिकी MCC डील पर नेपाल में उबाल, संसद के बाहर उग्र प्रदर्शन

काठमांडू में संसद के बाहर प्रदर्शनों में कई लोग घायल हो गए. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी फंडिंग का विरोध करने वाले समूहों ने कहा है कि यह नेपाल की संप्रभुता को कमजोर कर रहा है.

Updated on: 21 Feb 2022, 03:01 PM

highlights

  • चीन के उकसावे पर अमेरिकी परियोजना एमसीसी का विरोध
  • नेपाल में विपक्ष को पहले ही साध चुका बीजिंग प्रशासन

काठमांड:

नेपाल में इन दिनों अमेरिका के एक सहायता कार्यक्रम ने भारी राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है. इसका नेपाल में भारी विरोध किया जा रहा है. दरअसल अमेरिका और नेपाल के बीच 50 करोड़ डॉलर का समझौता हुआ था, जिसका विरोध कर रहे सैंकड़ो लोगों पर पुलिस ने रबर की गोलियां और आंसू गैस के गोले दागे है. रिपोर्ट के अनुसार नेपाल ने 2017 में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मजबूत करने के लिए मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन समझौते पर हस्ताक्षर किए और यह अमेरिका और चीन के बीच विवाद का विषय बन गया.

काठमांडू में संसद के बाहर प्रदर्शनों में कई लोग घायल हो गए. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी फंडिंग का विरोध करने वाले समूहों ने कहा है कि यह नेपाल की संप्रभुता को कमजोर कर रहा है. रविवार के प्रदर्शन को खत्म करने की कोशिश में प्रदर्शनकारियों को वाटर कैनन से भी निशाना बनाया गया और पुलिस ने उन पर पथराव भी किया. नेपाल की संसद के पास समझौते की पुष्टि करने के लिए 28 फरवरी तक का समय है, जिसमें सत्तारूढ़ गठबंधन सहित राजनीतिक दलों के अंदर विभाजन के कारण देरी हुई है.

नेपाल की मीडिया ने रिपोर्ट किया कि अमेरिकी प्रशासन ने नेपाली राजनेताओं के साथ बातचीत की है और उनसे महीने के अंत तक समझौते का समर्थन करने या समीक्षा किए जा रहे देशों के बीच संबंधों का सामना करने का आग्रह किया है. इसके जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि इस तरह के विकास में सहयोग के लिए बिना किसी हिचक के साथ आना चाहिए. वाशिंगटन डीसी के अनुसार, मिलेनियम चैलेंज कॉरपोरेशन 2004 में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा बनाया गया था. ये आर्थिक विकास का समर्थन करने और गरीबी को कम करने में मदद करता है.