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भारत की बढ़ी चिंता, अमेरिकी सीनेट ने ट्रंप सरकार की एच1बी वीजा कार्यक्रम के खिलाफ विधेयक पेश किया

इन विधेयकों को डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों पक्षों के सदस्यों ने रखा है।

Updated on: 10 Mar 2017, 12:00 PM

नई दिल्ली:

ट्रंप प्रशासन की ओर से एच-1बी वीजा सुधारों पर गंभीरता से विचार के बीच अमेरिकी प्रतिनिधि सभा एवं सीनेट के भीतर छह विधेयक पेश किए हैं। इसमें दलील दी गई है कि भारतीय आईटी कंपनियों के बीच लोकप्रिय एच-1बी कार्यक्रम अमेरिकी लोगों की नौकरियां खा रहा है।

इन विधेयकों को डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों पक्षों के सदस्यों ने रखा है। इनका मानना है कि एच-1बी कार्य वीजा अमेरिकी कामगारों को नौकरियों से बेदखल करने वाला है।

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद एक सप्ताह के भीतर रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रैसले और सीनेट में अल्पमत पक्ष के सहायक नेता डिक डर्बिन ने 'एच-1बी एवं एल-1 वीजा सुधार अधिनियम' पेश किया था ताकि अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता दी जाए और कुशल कामगारों के लिए वीजा कार्यक्रम में निष्पक्षता बहाल की जाए।

कई शोध विद्वानों, अर्थशास्त्रियों और सिलिकोन वैली के कार्यकारियों ने इस दलील के विपरीत राय दी है, लेकिन ये विधेयक इस पर आधारित हैं कि भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियां अमेरिकी नौकरियां खा रही हैं।

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