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Ipo Vs Share: शेयर मार्केट क्या है, जानें IPO और शेयर में क्या अंतर है 

Ipo Vs Share: निवेश की दुनिया में, आईपीओ और शेयर दो आम शब्द हैं जिनका इस्तेमाल अक्सर किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों में क्या अंतर है?

Updated on: 24 Apr 2024, 03:33 PM

नई दिल्ली :

Ipo Vs Share: शेयर मार्केट एक वित्तीय बाजार है जहां शेयरों और अन्य वित्तीय संपत्तियों की खरीदी-बिक्री होती है. यह बाजार निजी कंपनियों के शेयरों को सार्वजनिक रूप से बेचा और खरीदा जाता है. शेयर मार्केट निवेशकों को अपने पूंजी को निवेश करने का एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जिससे वे निवेश करके मुनाफा कमा सकते हैं. यह बाजार विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों के लिए वित्तीय उपकरणों को उपलब्ध कराता है, जिससे उन्हें निवेश और ट्रेडिंग की सुविधा मिलती है. इसमें विभिन्न शेयर बाजारों और शेयर एक्सचेंजों के माध्यम से व्यापार होता है, जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) भारत में.

IPO और शेयर में क्या अंतर है 

IPO (Initial Public Offering) और शेयर (Stock) दोनों ही वित्तीय बाजार से जुड़े शब्द हैं, लेकिन इनके अर्थ और उपयोग में अंतर होता है. IPO का अर्थ है प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर आम जनता को बेचती है. IPO के माध्यम से कंपनी धन जुटाती है और सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी बन जाती है. शेयर क्या होते हैं अगर ये समझना चाहते हैं तो जाने लें रि शेयर कंपनी के स्वामित्व का एक प्रतिनिधित्व करते हैं. जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के लाभ-हानि में भागीदार बन जाते हैं. शेयर की कीमत बाजार की मांग और आपूर्ति के अनुसार बढ़ती-घटती रहती है.

हालांकि, IPO और शेयर दोनों ही वित्तीय बाजार से जुड़े शब्द हैं, लेकिन इनके बीच ये 5 महत्वपूर्ण अंतर हैं

1. परिभाषा

IPO: यह एक कंपनी द्वारा पहली बार सार्वजनिक रूप से शेयर जारी करने की प्रक्रिया है.
शेयर: ये कंपनी के स्वामित्व का एक छोटा सा हिस्सा दर्शाते हैं.

2. उद्देश्य

IPO: इसका उद्देश्य कंपनी को धन जुटाने में मदद करना होता है, जिसका उपयोग व्यापार का विस्तार, ऋण चुकाने या नई परियोजनाओं में निवेश करने के लिए किया जा सकता है.
शेयर: शेयरधारकों को कंपनी के मुनाफे में हिस्सा मिलता है और कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर उनके मूल्य में वृद्धि या कमी हो सकती है.

3. उपलब्धता

IPO: IPO के दौरान शेयर केवल सीमित समय के लिए निश्चित मूल्य पर खरीदे जा सकते हैं.
शेयर: IPO के बाद, शेयर स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदे और बेचे जा सकते हैं, और उनकी कीमत बाजार की मांग और आपूर्ति के आधार पर लगातार बदलती रहती है.

4. जोखिम

IPO: IPO में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि कंपनी का भविष्य अनिश्चित होता है.
शेयर: शेयर बाजार उतार-चढ़ाव के अधीन होता है, और शेयरों की कीमतों में गिरावट होने पर निवेशकों को नुकसान हो सकता है.

5. तरलता

IPO: IPO के बाद शेयरों को बेचना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि बाजार में उनकी पर्याप्त मांग नहीं हो सकती है.
शेयर: स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध शेयर अत्यधिक तरल होते हैं, और उन्हें आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है.


IPO और शेयर दोनों ही निवेश के अवसर प्रदान करते हैं, लेकिन इनमें जोखिम और लाभ अलग-अलग होते हैं. निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति, जोखिम सहनशीलता और निवेश लक्ष्यों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है. निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना हमेशा सबसे अच्छा होता है. IPO और शेयर दोनों ही वित्तीय बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. IPO कंपनियों को धन जुटाने और सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध होने में मदद करते हैं, जबकि शेयर निवेशकों को लाभ-हानि में भागीदारी और मूल्य वृद्धि का अवसर प्रदान करते हैं. निवेश करने से पहले IPO और शेयर दोनों के बारे में अच्छी तरह से समझ लेना महत्वपूर्ण है.

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