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दहेज ले रहे हैं तो सावधान! पकड़े जाने पर हो सकता है भारी नुकसान, जानें कानून

भारत में दहेज प्रथा के खिलाफ कई कानून हैं जो इसे निषेधित करते हैं और सुनिश्चित करने के लिए कई प्रावधान हैं. तो आइए जानते हैं भारत में दहेज के खिलाफ आप अपनी आवाज़ को कैसे कानूनी बुलंद कर सकते हैं. 

Updated on: 13 Jan 2024, 07:34 PM

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भारत में दहेज बहुत बड़ी समस्या है. यही कारण है कि बेटियों के पैदा होने पर आज  भी माता-पिता की चिंता बढ़ जाती है या उन परिवारों पर बोझ बढ़ने लगता है समाज का दबाव बनना भी शुरु हो जाता है. NCRB के आकंड़ों के अनुसार साल 2022 में हर रोज 17 लड़कियों की दहेज़ के लिए मौत के मामले सामने आए. इसके अलावा देश के विभन्न थानों में दहेज़ प्रताड़ना के 14,4,593 मामले दर्ज किए गए और ये आंकड़े 20.9 की दर से लगातार बढ़ रहे हैं. हालांकि भारत में दहेज के खिलाफ सख्त कानून हैं.

लेकिन फिर भी कुछ लोग बड़ी बेशर्मी से दहेज मांगते हैं या कई बार माता-पिता भी अपनी शान में या बेटी के आराम के लिए मोटा दहेज ससुराल वालों को या लड़के को देते हैं जिसका प्रभाव समाज के अन्य वर्गों पर भी पड़ता है. भारत में दहेज प्रथा के खिलाफ कई कानून हैं जो इसे निषेधित करते हैं और सुनिश्चित करने के लिए कई प्रावधान हैं. तो आइए जानते हैं भारत में दहेज के खिलाफ आप अपनी आवाज़ को कैसे कानूनी बुलंद कर सकते हैं. 

दहेज प्रतिष्ठान अधिनियम (Dowry Prohibition Act, 1961):

यह अधिनियम दहेज प्रथा के खिलाफ है और इसके अंतर्गत दहेज के मामलों में सख्त कार्रवाई का प्रावधान है.इसके तहत, दहेज की मांग और उसके लिए भुगतान को गलत माना जाता है, और इसपर कार्रवाई की जा सकती है.

हिंदू विवाह अधिनियम (Hindu Marriage Act, 1955):

हिंदू विवाह अधिनियम में भी दहेज प्रथा के खिलाफ प्रावधान हैं. इसके तहत, विवाह के समय दहेज की मांग या देने का आदान-प्रदान नहीं किया जाना चाहिए.

दू एक्ट, 1956:

हिंदू एक्ट के तहत भी दहेज प्रथा के खिलाफ कई प्रावधान हैं, और यह सुनिश्चित करता है कि विवाह संबंधित मामलों में उचित न्याय और न्यायपालिका की सुरक्षा हो.

सांविधानिक सुरक्षा:

भारतीय संविधान में समानता और न्याय के सिद्धांतों की मान्यता के कारण भी दहेज प्रथा के खिलाफ कानूनी सुरक्षा है.

क्रिमिनल प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure, 1973):

इस संहिता के तहत दहेज के मामलों में कार्रवाई की जा सकती है और इस पर कारवाई हो सकती है.

यह सभी कानून दहेज प्रथा के खिलाफ हैं और दहेज प्रथा के खिलाफ उत्पन्न किसी भी आपत्तिजनक स्थिति में व्यक्ति या परिवार को सुरक्षित रखने के लिए बनाए गए हैं. इन कानूनों की पालना करना और उन्हें जानकारी करना समाज में दहेज प्रथा को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है.