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कॉपीराइट कानून क्या है, जानें इसे तोड़ने वालों पर क्या कानूनी कार्रवाई होगी

कॉपीराइट कानून के तहत, किसी भी व्यक्ति या संगठन को उनके निर्मित या संचालित आर्टिकल, लेख, पुस्तक, चित्र, फिल्म, या संगीत आदि पर अधिकार होता है.

Updated on: 16 Feb 2024, 11:33 PM

नई दिल्ली:

भारत में कॉपीराइट कानून, 1957 के अधीन संचालित होता है जो कॉपीराइट्स को संरक्षित करने और संचालित करने के लिए निर्धारित किया गया है. इस कानून के तहत, कॉपीराइट्स के उपयोग, संचालन, और संरक्षण की प्रक्रिया को विस्तार से निर्धारित किया गया है. कॉपीराइट कानून के अनुसार, किसी भी असली और नए आविष्कार या उत्पादन को संरक्षित किया जा सकता है, ताकि उसके उत्पादक को उसके विचारों और उत्पादन का नियंत्रण मिल सके. कॉपीराइट कानून के तहत, किसी भी व्यक्ति या संगठन को उनके निर्मित या संचालित आर्टिकल, लेख, पुस्तक, चित्र, फिल्म, या संगीत आदि पर अधिकार होता है, जिन्हें उन्होंने निर्मित किया हो. यह कानून सामाजिक और सांस्कृतिक अविष्कार को संरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण रूप से है. 

कॉपीराइट कानून तोड़ने वाले के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं- 

विधिक कार्रवाई: कॉपीराइट कानून तोड़ने वाले के खिलाफ विधिक कार्रवाई किया जा सकता है, जिसमें उन्हें दंडित किया जा सकता है.

विवाद विचार की प्रक्रिया: कॉपीराइट कानून तोड़ने वाले और कॉपीराइट धारक के बीच विवाद को सुलझाने के लिए कोर्ट में विचार की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.

जुर्माना या मुआवजा: कॉपीराइट अधिकार धारक को नुकसान के लिए जुर्माना या मुआवजा मिल सकता है.

सीज़र या नष्टीकरण: नियामक अथॉरिटी कॉपीराइट उल्लंघन के लिए अप्राधिक सामग्री की सीज़र या नष्टीकरण का आदेश जारी कर सकती है.

जेल सजा: गंभीर मामलों में, कॉपीराइट कानून तोड़ने वाले को जेल सजा हो सकती है.

इन कानूनी एक्शन का उद्देश्य कॉपीराइट कानून का पालन करने के लिए प्रेरित करना है और नागरिकों को अपने संबंधित कानूनी दायित्वों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना है.