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SBI और एक्सिस बैंक से लोन लेने वालों को झटका, इतनी बढ़ जाएगी होम-कार Loan ईमएआई

पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel)और सीएनजी के बाद आप ईएमआई भी आपको रूलाएगी. क्योंकि एसबीआई और एक्सिस बैंक (SBI and Axis Bank) ने अपनी ब्याज दरों में बढोतरी कर दी है.

Updated on: 18 Apr 2022, 05:50 PM

नई दिल्ली :

पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel)और सीएनजी के बाद आप ईएमआई भी आपको रूलाएगी. क्योंकि एसबीआई और एक्सिस बैंक (SBI and Axis Bank) ने अपनी ब्याज दरों में बढोतरी कर दी है. जिसका असर इन दोनों बैंकों से होम और कार लोन लेने वालों की ईएमआई पर सीधा होगा. जाहिर सी बात है  कि ब्याज दरों का असर ईएमआई पर पड़ता ही है. देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी कर दी है. ये बढ़ी हुई दरें 15 अप्रैल से प्रभावी हो गई हैं. बैंक के इस फैसले से होम, ऑटो या पर्सनल लोन महंगा होगा जिससे ईएमआई (EMI) बढ़ेगी. साथ ही एक्सिस बैंक की भी बढ़ी हुई दरें 18 अप्रैल यानि आज से लागू हो जाएंगी

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोई भी बैंक एमसीएलआर दरों के आधार पर ही कर्ज देता है. एसबीआई के मुताबिक एक दिन से तीन महीने तक की अवधि के लिए एलसीएलआर की दरें 6.65 फीसदी से बढ़ाकर 6.75 फीसदी कर दी गई हैं. एमसीएलआर में बढ़ोतरी से होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन महंगे हो जाएंगे. जिसका ग्राहकों की ईएमआई पर सीधा असर पड़ने वाला है. बताया जा रहा है कि बढ़ी हुई दरें लागू कर दी गई हैं. महंगाई की मार झेल रही जनता पर ये दोगुनी मार है.
क्या होता है एमसीएलआर

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दरअसल, आरबीआई ने बैंकों को कर्ज देने के लिए 2016 में MCLR सिस्टम लेकर आया था. यह किसी वित्तीय संस्थान यानी बैंक के लिए एक इंटरनल बेंचमार्क है. MCLR प्रोसेस में लोन के लिए मिनिमम ब्याज दर तय की जाती है. MCLR एक न्यूनतम ब्याज दर है, जिस पर बैंक उधार दे सकता है. आम भाषा में कहें तो मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई एक पद्धति है जो कॉमर्शियल बैंक्स द्वारा ऋण पर ब्याज दर तय करने के लिए इस्तेमाल की जाती है.