logo-image

Income Tax Update: निर्धारित तारीख पर नहीं किया ये काम तो प्रतिदिन देनें होंगे 1000 रुपए

Income Tax Update: अगर आप टैक्सपेयर्स हैं और आपने अभी तक भी SFT रिटर्न नहीं भरा है तो सावधान हो जाएं. क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax department)ने रिटर्न दाखिल न करने वालों से मोटा जुर्माना वसूलने का नियम बनाया है.

Updated on: 02 Jun 2023, 01:32 PM

highlights

  • IT विभाग ने बढ़ाई थी SFT रिटर्न भरने की तारीख, लाखों लोग अभी भी छूटे 
  • स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन को वित्त वर्ष 2020-21 में किया गया था लागू 
  • लेन-देन की लिमिट क्रॅास होते ही आयकर विभाग को देनी होती है सूचना 

नई दिल्ली :

Income Tax Update: अगर आप टैक्सपेयर्स हैं और आपने अभी तक भी SFT रिटर्न नहीं भरा है तो सावधान हो जाएं. क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax department)ने रिटर्न दाखिल न करने वालों से मोटा जुर्माना वसूलने का नियम बनाया है. आपको बता दें कि स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (SFT)की रिटर्न दाखिल करने की डेट विभाग ने दो बार बढ़ाई हैं. लेकिन अंतिम तिथि 30 मई थी. जिन टैक्सपेयर्स ने अभी तक भी स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (SFT) रिटर्न दाखिल नहीं किया है. ऐसे लोगों को अब प्रतिदिन 1000 रुपए तक की पैनल्टी भरनी पड़ सकती है.

यह भी पढ़ें : Money Changes Rule: जून में बदल जाएंगे रुपए-पैसे संबंधी 10 नियम, मंथली बजट पर पड़ेगा असर

क्या STF से जुड़ी लिमिट?
दरअसल,  वित्त वर्ष 2020-21 में स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (SFT) को लागू किया गया था.  उसी समय हर टैक्सपेयर्स की लेनदेन की लिमिट भी निर्धरित की गयी थी. यही नहीं यदि कोई टैक्सपेयर्स लिमिट क्रॅास करता है तो उसे आईटी डिपार्टमेंट को सूचना देना तय किया गया था. साथ ही देरी से रिटर्न दाखिल करने वाले को अंतिम तारीख से लेकर दाखिल करने तक प्रतिदिन 1000 रुपए की पैनल्टी भरना भी तय किया गया था. इसके पीछे विभाग का उद्देश्य सिर्फ यही था कि वह किसी भी उच्च लेन-देन वाले व्यापारी की निगरानी कर सके. कहीं वह टैक्स की चोरी तो नहीं कर रहा है.. 

बड़े लेन-देन की रहती है निगरानी 
आपको बता दें कि यदि किसी व्यापारी या अन्य श्रोत से पैसा कमाने वाले किसी भी व्यक्ति के बचत खाते में 10 लाख रुपए व चालू खाते में 50 लाख रुपए जमा किये गए हैं. साथ कोई जमीन या अन्य प्रॅापर्टी 30 लाख से ज्यादा की आपने खरीदी है तो उसकी जानकारी आयकर विभाग को  एसएफटी के जरिए देनी होती है. यदि बचत खाते में 10 लाख रुपए से ज्यादा है तो एसएफटी फाइल करना होता है. इसलिए कोई भी लेन-देन या जमीन खरीदने पर एसएफटी जरूर दाखिल करें. अन्यथा संकट में फंस सकते हैं.