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Fake Egg: मनुष्य शरीर के लिए धीमा जहर हैं नकली अंडे, जानें मनुष्य शरीर के लिए कितने हैं घातक

Fake Egg: गुलाबी ठंड शुरू हो चुकी है, ऐसे में अंडों के व्यापार में जमकर बढ़ोतरी हो जाती है. क्योंकि जाड़ों में ज्यादातर लोग अंडे खाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि मार्केट में नकली अंडों की खेप भी पहुंच चुकी है.

Updated on: 30 Oct 2023, 02:09 PM

highlights

  • बॅाडी के हार्मोन्स पर इफेक्ट डाल रहे फेक अंडे
  • सर्दी शुरू होते ही मार्केट में बढ़ने लगी नकली अंडों की डिमांड
  • नकली, असली अंडों से देखने में लगते हैं खूबसूरत

नई दिल्ली :

Fake Egg: गुलाबी ठंड शुरू हो चुकी है, ऐसे में अंडों के व्यापार में जमकर बढ़ोतरी हो जाती है. क्योंकि जाड़ों में ज्यादातर लोग अंडे खाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि मार्केट में नकली अंडों की खेप भी पहुंच चुकी है. जब अंडों की डिमांड बढ़ा जाती है तो कैमिकल द्वारा तैयार अंडे मार्केट में पहुंच जाते हैं. चिकित्सक बताते हैं कि ये नकली अंडे मानव शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक हैं. क्योंकि इन अंडों को बनाने में जो कैमिकल यूज होता है ,वह एक तरह से धीमा जहर है. जो धीरे-धीरे मानव शरीर में कई बीमारियों को जन्म देगा. इसलिए अंडे सोच-समझकर खाएं

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 इन बीमारियों का खतरा 
विशेषज्ञ डॅा,  हर्ष बताते हैं नकली अंडे बनाने में जिलोटिन इस्तेमाल किया जाता है. जो मानव बॅाड़ी के लिए बेहद खतरनाक है. यही नहीं इसके लगातार सेवन से मनुष्य की किडनी पूरी तरह खराब हो सकती है. इसके अलावा नकली अंडों का ज्यादा सेवन आपको नपुंसक तक बना सकता है. डॅा, सचिन के मुताबिक नकली अंडे खाने से मनुष्य के शरीर पर अजीब प्रकार के रेसेज निकल सकते हैं. क्योंकि इन्हें बनाने में मोम का भी यूज किया जा रह है. जो बेहद खतरनाक है. इसलिए सर्दियों में अंडे खाते वक्त असली अडों को ही डाइट में शामिल करें.

ऐसे बनाते हैं नकली अंडा
एक्सपर्ट के मुताबिक अंडे बाहरी हिस्से यानि सफेद भाग को बनाने के लिए जिप्सम चूर्ण, कैल्शियम कार्बोनेट का इस्तेमाल किया जाता है.
साथ ही इसके अंदर वाले भाग को बनाने के लिए "जिलोटिन, सोडियम एल्गिनाइट और कैल्सियम" के इस्तेमाल से बनाया जाता है. बाहर से अंडे को देखकर आप अंदाजा नहीं सकेंगे कि नकली हैं या असली हैं. क्योंकि अंडों का आकार पूरी तरह असली अंडों से मेल खाता है. नकली अंडों को बनाने में रिपोर्ट के मुताबिक "जिलोटिन बेंजाइक अम्ल के साथ कई कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है.  कृत्रिम अंडे को केवल कैमिकल द्वारा ही तैयार किया जाता है. 

ऐसे करें पहचान 
दरअसल, एक्सपर्ट डा. गुलाटी बताते हैं कि "असली अंडे का छिलका थोड़ा चिकना होता है. साथ ही कृत्रिम अंडे का छिलका हल्के भूरे कलर का खुरदरा पाया जाता है. इसके अलावा इसके अंदर वाला हिस्सा बेहद कठोर होता है. जबकि असली अंडे के अंदर वाला हिस्सा बहुत ही मुलायम होता है. हालाकि नकली अंडे के अंदर से भी बिल्कुल पीला-पाला ही पदार्थ निकलता है,,.