ऋषिगंगा हादसा: प्रशासन को 169 शवों की तलाश, 12 ग्रामीण भी लापता
भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के संचालन पर होने वाले व्यय के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 45 लाख की राशि जारी करने पर सहमति दी है. मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव एसए मुरुगेशन की ओर से इसका जीओ जारी कर दिया गया है.
highlights
- गुरुवार तक मलबे से 35 शव निकाले जा चुके हैं.
- हादसे में मारे गए जिन व्यक्तियों की शिनाख्त नहीं हो सकी है
- उन व्यक्तियों का डीएनए सुरक्षित रखा जाएगा.
देहरादून:
उत्तराखंड के ऋषि गंगा क्षेत्र में आई त्रासदी के बाद अभी भी प्रशासन 169 शवों की तलाश में जुटा है. उत्तराखंड सरकार के मुताबिक गुरुवार तक मलबे से 35 शव निकाले जा चुके हैं. इनमें से केवल 10 मृतकों की शिनाख्त हो सकी है, जबकि 25 व्यक्तियों की शिनाख्त होना अभी भी बाकी है. उत्तराखंड प्रशासन के मुताबिक यहां टनल में फंसे लोगों में कई स्थानीय निवासी भी शामिल हैं. यह सभी अभी तक लापता हैं. विशेष तौर पर 4 स्थानीय गांवों के 12 निवासी अभी तक लापता हैं. इनमें रैणी गांव, करछौ गांव, तपोवन गांव और रिंगी गांव शामिल हैं.
यह भी पढ़ें : सिविल डिफेंस वालंटियर्स काट रहे हैं कोरोना के चालान, पुलिस ने जारी किया मैसेज
हादसे में मारे गए जिन व्यक्तियों की शिनाख्त नहीं हो सकी है, उन व्यक्तियों का डीएनए सुरक्षित रखा जाएगा. बाद में परिजनों के आधार पर उनकी पहचान की जा सकेगी. मृतकों की पहचान के लिए उत्तर प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड प्रशासन की मदद कर रही है. वहीं आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में भूकंप सेंसर लगाने का निर्णय लिया है. राज्य में अलग-अलग स्थानों पर ऐसे 15 सेंसर लगाए जाने हैं. यह सेंसर आईआईटी रुड़की के सहयोग से लगाए जाएंगे.
यह भी पढ़ें : राकेश टिकैत का बड़ा बयान, हल चलाने वाला हाथ नहीं जोड़ेगा
भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के संचालन पर होने वाले व्यय के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 45 लाख की राशि जारी करने पर सहमति दी है. मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव एसए मुरुगेशन की ओर से इसका जीओ जारी कर दिया गया है. उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा गया था. राज्य में भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के क्रियान्वयन के लिए भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान रुड़की द्वारा 15 भूकंप सेंसर लगाए गए थे. जो वर्तमान में खराब हो गए हैं. इन्हें बदलने के लिए 45 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था. इसमें यह साफ किया गया है कि इस धनराशि का गलत उपयोग होने पर निदेशक आईआईटी रुड़की का उत्तरदायित्व होगा.
यह भी पढ़ें : पीएम मोदी एक बार फिर जाएंगे कोलकाता, ममता बनर्जी भी कार्यक्रम में हो सकती हैं शामिल
सरकार ने चमोली जिले के तहसील थराली के आपदा प्रभावित अति संवेदनशील फल्दिया गांव के 12 परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किए जाने के लिए 51 लाख की धनराशि के प्रस्ताव पर सहमति दी है. इसमें पुनर्वास नीति के तहत मानक मदों के अनुसार प्रति परिवार भवन निर्माण के लिए 4 लाख रुपए, गौसाला निर्माण के लिए 15 हजार तथा विस्थापन भत्ता 10 हजार रुपए की संस्तुति की गई है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Lok Sabha Election 2024: PM मोदी ने नामांकन के लिए क्यों चुना यह खास दिन? सामने आई चौंकाने वाली वजह
-
Guru Asta 2024: आज गुरु होंगे अस्त, इन राशियों को होगा बंपर लाभ, होगी जबरदस्त कमाई
-
Angarak Yoga 2024: मंगल के गोचर से बना अंगारक योग, इन राशियों के जीवन में छा जाएगा अंधेरा
-
Vastu Tips For Kitchen: इस दिशा में होती है रसोई तो घर वाले हमेशा रहते हैं कंगाल