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UP: योगी सरकार ने किया आउटसोर्सिंग चतुर्थ श्रेणी भर्ती में बड़ा बदलाव, ये हैं नए नियम

UP News: उत्तर प्रदेश में आउटसोर्सिंग चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में योगी सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. जिसके तहत अब इस भर्ती के लिए 12वीं पास तक के युवा ही आवेदन कर सकेंगे. इससे अधिक पढ़े लिखे युवाओं को अयोग्य माना जाएगा.

Updated on: 20 Oct 2023, 12:32 PM

highlights

  • यूपी में आउटसोर्सिंग चतुर्थ श्रेणी भर्ती में बड़ा बदलाव
  • 12वीं से ज्यादा शैक्षिक योग्यता वाले होंगे अयोग्य
  • कर्मचारियों की शिकायत पर लिया गया फैसला

New Delhi:

UP News: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में आउटसोर्सिंग चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के नियमों में बढ़ा बदलाव किया है. जिसके तहत अब यूपी में आउटसोर्सिंग के जरिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में 12वीं क्लास से अधिक पढ़े लिखे युवा आवेदन नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा एक जैसा काम रने वालों का पद नाम और शैक्षणिक योग्यता के साथ उनका मानदेय भी तय किया जाएगा. आउटसोर्सिंग चतुर्थ श्रेणी की भर्ती के लिए योगी सरकार नई आउटसोर्सिंग पॉलिसी को लागू करेगी. जिसके तहत आउटसोर्सिंग के जरिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की न्यूनतम और अधिकतम योग्यता 12वीं पास ही होगी. इससे अधिक यानी स्नातक या परा-स्नातक डिग्री धारकों को अयोग्य माना जाएगा.

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आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की मांग पर सरकार ने लिया फैसला

बता दें कि सरकारी विभागों और संस्थानों में आउटसोर्सिंग कर्मचारी लंबे समय से शिकायत कर रहे थे कि उनका शोषण किया जा रहा है. अब योगी सरकार नई आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत इस व्यवस्था को सुधारने जा रही है. जिसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इस संबंध में 10 अक्टूबर को श्रम विभाग ने एक कैबिनेट प्रस्ताव शासन को भेजा था. इसके अगले ही दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन सुझावों को शामिल कर नए प्रस्ताव के लिए मुख्य सचिव के साथ बैठक की और इसे अंतिम रूप भी दे दिया.

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क्या है यूपी में नई आउटसोर्सिंग पॉलिसी

यूपी की नई आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत चतुर्थ श्रेणी पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता अथवा अधिकतम 12वीं पास ही होगी. जबकि इससे अधिक शैक्षिक योग्यता धारकों को अयोग्य माना जाएगा. वहीं चतुर्थ श्रेणी लिपिकीय तृतीय श्रेणी तकनीकी सुपरवाइजरी की भर्तियों में किसी भी प्रकार की प्रशिक्षण सूची नहीं बनाई जाएगी. वहां पद रिक्त होने पर नए सिरे से भर्ती की जाएगी. वहीं ऐसे पद जो मानकीकृत सूची में नहीं हैं, वह जिस पर कोई विभाग तैनाती करना चाहता है उन पदों के पद नाम न्यूनतम शैक्षिक अर्हता और मानदेय का निर्धारण विभाग द्वारा किया जाएगा. वहीं यदि कोई विभाग न्यूनतम मानदेय से अधिक देना चाहता है तो वह वित्त विभाग की सहमति लेकर ही दे पाएगा.