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मुख्तार की मौत को लेकर क्या बोले भाई अफजाल अंसारी? बेटे उमर ने कही यह बात

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर देश में एक बहस छिड़ गई है. इस बहस में मुख्तार के परिजनों ने जहां जेल प्रशासन पर कई तरह के आरोप लगाए हैं, बयानबाजी का दौर भी जारी है.

Updated on: 31 Mar 2024, 07:06 PM

New Delhi:

उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है. मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद थे. तबीयत बिगड़ने के बाद उसको बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद देश में एक हलचल का माहौल है. इसके साथ है इस मामले में बयानबाजी शुरू हो गई है. मुख्तार के परिजनों ने जेल प्रशासन पर तमाम तरह के आरोप लगाए हैं. वहीं, कुछ नेताओं भी मुख्तार अंसारी को लेकर अलग-अलग बयान दिए हैं.

मेरे वालिद को सामने से नहीं पीठ पीछे मारा गया

मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने मुख्तार की मौत पर कहा की मेरे वालिद को सामने से नहीं पीठ पीछे मारा गया, उन्हें लोकतंत्र में कोई हरा नहीं पाया. इस मौत में माफिया बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह और कई अधिकारियों की मिलीभगत है. इस्लाम में जहर से मौत को शाहीद कहा जाता उन्हें जन्नत मिलती है. मेरे ऊपर 6 मुकदमे है एक ऐसा मुकदमा है जब मैं पैदा ही नहीं हुआ था और मुख्तार अंसारी पर 50 मुकमदमे, मेरी मां पर 14 केस और बड़े भाई पर 12 केस हैं. उमर ने कहा कि सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर मेरे पिता मुख्तार अंसारी के बहुत पुराने दोस्त हैं. उसने कहा कि मेरे पिता चले गए मेरे लिए तो सबसे बड़ा नुकसान यही है.

सच्चाई सर चढ़कर बोलती है

मुख्तार के सुपुर्दे खाक होने के बाद मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी कहते है की सच्चाई सर चढ़कर बोलती है अब मुख्तार रहें नहीं अब वो इस दुनिया से चले गए है.....मुख्तार अंसारी मेडिकल फिट थे तो कैसे 24 घंटे में उसकी मौत हो गई. 19 मार्च को जहर दिया ये खुद मुख्तार ने लिख के दिया था. मैं जब मिला तो मुख्तार ने कहा इस जहर का असर इतना हो चुका है की पेट देखिए होठ देखिए मैं बैठ नहीं सकता हूं. अगर इसकी जांच हुई तो देखिएगा की जहर की वजह से मौत हुई. हम पोस्टमार्टम से सहमत नहीं हैं और लिख के दिया तो कोई रिसीव तक नहीं कर रहा है. अफजाल अंसारी ने कहा हम कोर्ट में न्याय प्राप्त करने की कोशिश करेंगे. मुख्तार का खून जाया नहीं जायेगा. उन्होंने मुख्तार की तुलना भगत सिंह से की. उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी की लाश इस इंतजाम से दफन की गई है कि दस साल या बीस साल जब चाहेंगे उनकी बॉडी वहां मिलेगी और मुख्तार की लाश इंसाफ पाने के लिए गवाही खुद देगी. सच बहार आयेगा. मिट्टी न देने देना कब्र में ये कहां तक जायज हैं.