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यूपी कारागार विभाग में अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कई कानून खत्म

उत्तर प्रदेश कारागार विभाग में अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे हैं कई कानूनों को यूपी सरकार ने एक झटके में खत्म कर दिया है जबकि कैदियों को राहत देने के लिए कई नए नियम और नई सुविधाएं जेल मैनुअल में जोड़े गए हैं

Updated on: 17 Aug 2022, 02:35 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश कारागार विभाग में अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे हैं कई कानूनों को यूपी सरकार ने एक झटके में खत्म कर दिया है जबकि कैदियों को राहत देने के लिए कई नए नियम और नई सुविधाएं जेल मैनुअल में जोड़े गए हैं. नए संशोधन भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा निर्मित मॉडल प्रिज़न मैनुअल 2016, सीआरपीसी /आईपीसी एवं अन्य सुसंगत अधिनियम, निरंतर परिवर्तनशील सामाजिक परिवेश अपराधियों के अपराध करने के नए-नए तरीकों  से निपटने के उद्देश्य से व कारागार प्रशासन व प्रबंध व्यवस्था में सुधार के दृष्टिकोण से  किये गए हैं. 

नए जेल मैनुअल में कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए संशोधन विभिन्न माननीय न्यायालयों द्वारा समय-समय पर दिए गए आदेशों, अखिल भारतीय जेल सुधार समिति, अन्य जेल सुधार समितियों की संस्तुतियों को ध्यान में रखते हुए. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा समय-समय पर निर्गत संस्तुतियों को दृष्टिगत रखते हुए  व सेवारत / सेवानिवृत्त कारागार कार्मिकों के अनुभव एवं सुझाव के आधार पर मंजूर किए गए हैं. कैबिनेट में मंजूरी के बाद नए जेल मैनुअल में मुख्यतः निम्नलिखित नए नियम शामिल हो जाएंगे :-

 1) 

 5 तरह की विशिष्ट जेल संस्थाएं अब  नए जेल मैनुअल  का हिस्सा बनेंगी - 

क ) 
आदर्श कारागार लखनऊ 

अर्धअनाच्छादित कारागार आदर्श कारागार लखनऊ

अनाच्छादित परिसर /कॉलोनी

 महिला सेंट्रल जेल

अपरिपक्व वयस्क सेंट्रल जेल

6 हाई सिक्योरिटी जेल-
जिला जेल लखनऊ 
जिला जेल चित्रकूट 
जिला जेल गौतमबुधनगर 
जिला जेल आजमगढ़ 
जिला जेल ललितपुर 
जिला जेल बरेली - 2

 2  
वर्तमान में प्रचलित जेल मैन्युअल में अनौपचारिक तरीके से यथा किसी निजी साधन या व्यक्ति  अथवा ईमेल आदि से जेल  पहुंचने वाले रिहाई आदेशों  पर जेलर द्वारा  रिहाई नहीं की जाती है  वरन मा न्यायालय के पुष्टित हस्ताक्षर, मुहर के साथ जारी और न्यायालय के  कर्मचारी द्वारा  विधिवत  जेल में प्राप्त कराए गए रिहाई आदेशों पर ही कार्यवाही होती है. अब नए प्राविधानों को मंजूरी मिलने के बाद FASTER SYSTEM के अंतर्गत मा उच्चतम न्यायालय से प्राप्त रिहाई आदेश व E authenticated प्रति को वैध  मानकर रिहाई की जा सकेगी .

 3 
नए  जेल मैनुअल  को महिलाओं के स्वास्थ्य की दृष्टि  से अधिक मानवीय बनाया गया है . अब  उन्हें नहाने  और कपड़ा  धोने हेतु अधिक  साबुन देने की व्यवस्था की गई है.
इसके अलावा एक छटांक सरसों के तेल की जगह प्रतिमाह 60 ग्राम नारियल  तेल और  अब नए जेल मैन्युअल में  उन्हें बाल धुलने के लिए  20 एमएल  शैंपू  भी दिए जाने का प्रावधान किया गया है .

 4 
पुराने जेल मैनुअल की तुलना में नए जेल मैनुअल में अत्यंत महत्वपूर्ण परिवर्तन जेल में निरूद्ध माताओं के साथ रहने वाले 6 वर्ष तक के बच्चों की सुविधा के लिए किया गया है. जिसके अनुसार हर जेल में एक शिशुकक्ष  तथा एक बालवाड़ी (नर्सरी) होगी जहां बच्चों की देखभाल की जाएगी .

3 साल से कम उम्र के बच्चों को शिशु कक्ष में रखकर उनकी देखभाल होगी  और 3 साल से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों  की बालवाड़ी में देखभाल की जाएगी . इन बच्चों की शिक्षा दीक्षा, मनोरंजन के लिए व्यापक प्रावधान किए गए हैं. बच्चों के टीकाकरण स्वास्थ्य तथा पौष्टिक भोजन की भी विशिष्ट प्रावधान किए गए हैं. 4 वर्ष से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को उनकी मां की सहमति के बाद कारागार के बाहर किसी शिक्षण संस्थान में प्रवेश दिलाया जाएगा और उचित व्यवस्था वाहन सुविधा सरकारी खर्च पर कराई जाएगी.

 5 
पहले टीबी से ग्रस्त  सभी बंदियों को जिला जेल सुल्तानपुर भेज दिया जाता था और  वही उनका इलाज होता था .अब   संसोधन के पश्चात टीबी के बंदियों  को प्रत्येक जेल में  रखकर उपचार करने की सुविधा रहेगी .

 6 
वर्तमान जेल मैनुअल में फांसी और आजीवन कारावास की सजा प्राप्त कुख्यात बंदियों को काला पानी यानी पोर्ट ब्लेयर जेल भेजे जाने की व्यवस्था थी  नए जेल मैन्युअल में इसे समाप्त कर दिया गया है .

 7
नए संशोधित जेल मैनुअल में जेलों में शुष्क शौचालय की व्यवस्था समाप्त कर दी गई

 8 

नए जेल मैनुअल में लालटेन की व्यवस्था समाप्त कर दी गई .


नए जेल मैन्युअल में लॉकअप जेल की व्यवस्था समाप्त कर दी गयी है  .

 10  यूरोपीय  बन्दियों हेतु अलग जेल की व्यवस्था समाप्त .

 11 
रजवाड़ों के बंदी हेतु निर्धारित मुक्ति और स्थानांतरण की व्यवस्था समाप्त

 12
 नेपाल ,भूटान ,सिक्किम एवं कश्मीर के बंदियों की मुक्ति एवं स्थानांतरण की व्यवस्था समाप्त.

 14 

 नए जेल मैन्युअल में बंदियों की शिक्षा पर विशेष ज़ोर दिया गया है.  बंदियों के लिए शैक्षिक कार्यक्रम विकसित किए जाएंगे ताकि उनके सामाजिकरण और पुनर्वास की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके. राज्य के विभाग, गैर सरकारी संगठन- एनजीओ ,अकादमिक व्यक्ति, कारपोरेट घराने ,व्यवसाई या कोई अन्य मान्यता प्राप्त एजेंसी ऐसे कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं, जिनमें बंदियों के शारीरिक और स्वास्थ्य शिक्षा, अकादमिक शिक्षा सामाजिक शिक्षा ,व्यावसायिक शिक्षा सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल होंगी.  उच्च शिक्षा प्राप्त करने  के इच्छुक बन्दियों लिए भी कतिपय प्रतिबंधों के साथ व्यवस्था का प्रावधान नए जेल मैन्युअल में है .

 15 
बंदियों के लिए सायंकालीन चाय एवं बिस्कुट का प्रावधान किया गया 

 16 
 303 राइफल के स्थान पर 9mm पिस्टल इंसास एवं काव्य कार्बाइन का प्रावधान नए जेल मैनुअल में किया गया

 17 
सुरक्षात्मक उपकरण : चेस्ट गार्ड, एल्बो गार्ड, फाइबरग्लास, हेलमेट, पॉलीकार्बोनेट शील्ड ,एवं पॉलीकार्बोनेट लाठी, दंगा रोधी उपकरण:  टीजर गन ,आंसू गैस, वाटर कैनन ,
शॉक बैटन पेपर बाल गन आदि का समावेश नए जेल मैनुअल में किया गया है .

 18 
एक ही जेल में निरुद्ध रक्त संबंधी एवं पति-पत्नी की मुलाकात का प्रावधान नए जेल  मैन्युअल में किया गया है

 19 
 रक्त संबंधी अथवा पति पत्नी की मृत्यु पर अंतिम दर्शन की व्यवस्था की गई है

 20 
 विदेशी बंदियों की मुलाकात की व्यवस्था नई जेल मैनुअल में है .

 21 
 मुलाकाती की फोटो युक्त पहचान पत्र प्राप्त करने का प्रावधान किया गया है 

 22 
सजायाफ्ता बंदियों के लिए फुटवियर (स्लिपर ) की भी व्यवस्था नए जेल मैन्युअल में की गई है .