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TIMELINE : 20 POINTS में जानें उन्‍नाव रेप केस में कब-कब क्‍या हुआ?

कोर्ट ने सीबीआई की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए. कोर्ट का कहना था, सीबीआई (CBI) को लड़की के घर जाकर पूछताछ करनी चाहिए थी, लेकिन सीबीआई ने उसे तलब किया, जिससे लड़की को परेशानी हुई.

Updated on: 16 Dec 2019, 04:10 PM

नई दिल्‍ली:

उन्नाव रेप और अपहरण केस (Unnao Rape and Kidnapping Case) में दिल्‍ली की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को दोषी पाया है. साथ ही सह आरोपी शशि सिंह (Shashi Singh) को बरी कर दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने सीबीआई की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए. कोर्ट का कहना था, सीबीआई (CBI) को लड़की के घर जाकर पूछताछ करनी चाहिए थी, लेकिन सीबीआई ने उसे तलब किया, जिससे लड़की को परेशानी हुई. कोर्ट ने यह भी कहा, यह समझ से परे है कि CBI ने चार्जशीट दायर करने में इतना वक्‍त क्‍यों लगाया. जानें उन्‍नाव रेप केस में कब-कब क्‍या हुआ?

  1. 4 जून 2017: 17 वर्षीय पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसका बीजेपी के विधायक कुलदीप सेंगर के घर पर बलात्कार किया. पीड़िता ने कहा कि वह अपने एक पड़ोसी के साथ नौकरी दिलाने में मदद के लिए विधायक के पास गई थी.
  2. 11 जून 2017: इसके बाद पीड़िता गायब हो गई. परिवार वालों ने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
  3. 20 जून 2017: पीड़िता औरैया के एक गांव से मिली. उसे अगले दिन उन्नाव लाया गया.
  4. 22 जून 2017: पुलिस ने पीड़िता को कोर्ट में पेश किया और सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत उसका बयान रिकॉर्ड कराया गया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बयान में विधायक का नाम नहीं लेने दिया.
  5. 3 जुलाई 2017: 10 दिन बाद पीड़िता को उसके परिवारवालों को सौंप दिया गया. पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर वह दिल्ली चली गई. इसके बाद उसने मुख्यमंत्री दफ्तर और वरिष्ठ पुलिस अफसरों को शिकायत भेजी. इसमें उसने विधायक और उसके भाई अतुल सिंह के खिलाफ रेप केस दर्ज कराने की मांग की.
  6. 24 फरवरी 2018: पीड़िता की मां ने उन्नाव के चीफ जूडिशल मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया और सीआरपीसी के सेक्शन 156 (3) के तहत एफआईआर दर्ज कराने की मांग की.
  7. 3 अप्रैल 2018: कोर्ट ने पीड़िता की मां की अर्जी पर सुनवाई की. इस सुनवाई में लड़की का परिवार भी शामिल हुआ था. इसी शाम, लड़की के पिता को कथित तौर पर अतुल सिंह और उसके सहयोगी मक्खी ने बुरी तरह पीटा. लड़की के पिता को पुलिस को सौंप दिया गया, उन्होंने सेक्शन 25 के तहत मामला दर्ज कराया.
  8. 5 अप्रैल 2018: मेडिकल एग्जामिनेशन के बाद लड़की के पिता को जेल भेज दिया गया. लड़की के पिता ने आरोप लगाया कि उसे फंसाया जा रहा है और विधायक के भाई ने उसे बुरी तरह पीटा. उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
  9. 8 अप्रैल 2018: इसके बाद पीड़िता ने एमएलए के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की.
  10. 9 अप्रैल 2018: जिला कारागर से शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई. इसके बाद 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया और मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया गया. पुलिस ने पीड़िता के पिता के साथ मारपीट करने के आरोप में 4 लोगों को गिरफ्तार किया. ये सभी विधायक कुलदीप सेंगर के सहयोगी थे.
  11. 10 अप्रैल 2018: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया कि युवती के पिता के शरीर पर 14 जगह चोट के निशान थे.
  12. 11 अप्रैल 2018: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पुलिस को यह केस सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया.
  13. 12 अप्रैल 2018: मामला सीबीआई को सौंपा गया और विधायक कुलदीप सेंगर को नाबालिग से रेप का आरोपी बनाया गया.
  14. 13 अप्रैल 2018: कुलदीप सेंगर को सीबीआई ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही नई एफआईआर दर्ज की गई. उसे एक हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
  15. 19 अप्रैल 2018: इस मामले में सरकार ने विधायक की वाई श्रेणी सुरक्षा और घर पर तैनात सुरक्षाकर्मी को हटा दिया.
  16. 1 मई 2018 : पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाया कि केस सीबीआई को सौंपने से पहले सेंगर को बचाने की नीयत से शिकायत बदली गई है.
  17. 2 मई 2018: इलाहाबाद हाईकोर्ट में सीबीआई ने सीलबंद लिफाफे में अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की.
  18. 11 जुलाई 2018: सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कुलदीप सेंगर का नाम था.
  19. 13 जुलाई 2018: दूसरी चार्जशीट फाइल की गई, जिसमें पीड़िता के पिता को कथित तौर पर फंसाने के मामले में कुलदीप सेंगर, उनके भाई, तीन पुलिसकर्मी और 5 अन्य लोगों का नाम शामिल था.
  20. 28 जुलाई 2019: जब पीड़िता अपनी मौसी, चाची और वकील के साथ लखनऊ जा रही थी, तब कार दुर्घटना हुई। इसमें चाची और मौसी की मौत हो गई, जबकि पीड़िता और वकील के गंभीर रूप से घायल हुए थे.