कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव संपन्न, क्या फिर होगा राजस्थान में सियासी घमासान?
सियासी गलियारों से लेकर आमजन तक के जेहन में फिर यही सवाल करने लगा है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार का आगे क्या होगा. क्या अशोक गहलोत सीएम बने रहेंगे या फिर सचिन पायलट के नाम की ताजपोशी होगी
New Delhi:
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव परिणाम घोषित हो गया जैसा कि उम्मीद थी खड़गे भारी बहुमत से चुनाव जीत गए. मगर इसके साथ ही एक बार फिर राजस्थान में सियासी घमासान होने वाला है. सियासी गलियारों से लेकर आमजन तक के जेहन में फिर यही सवाल करने लगा है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार का आगे क्या होगा. क्या अशोक गहलोत सीएम बने रहेंगे या फिर सचिन पायलट के नाम की ताजपोशी होगी या फिर कोई तीसरा चेहरा राजस्थान का सीएम बनेगा. यह सवाल है जो उस वक्त बोल रहे हैं जब विधायक दल की बैठक लेने के पर्यवेक्षक आये लेकिन गहलोत के विधायकों ने अलग से मीटिंग कर आलाकमान को चुनौती दे डाली. आलाकमान की तमाम कोशिशों के बावजूद अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं हुए और इस पूरे घटनाक्रम को आलाकमान के खिलाफ अदावत के रूप में देखा गया. इस बीच सीएम अशोक गहलोत पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की मुलाकात गहलोत के तीन नेताओं को अनुशासनहीनता का नोटिस भी दिया गया मगर फिलहाल राजस्थान के सियासत के लिहाज से जो सबसे बड़ा सवाल है वह है कि अभी तक 90 से अधिक विधायकों के इस्तीफे स्पीकर के पास पेंडिंग पड़े हुए हैं. ऐसे में साफ है कांग्रेस का अंदरूनी सिया संग्राम अभी थमा नहीं है लिहाजा 1 दिन पहले भाजपा ने एंट्री कर स्पीकर से इस्तीफे स्वीकार करने की बात कही है. भाजपा का आरोप है कि हिंदुस्तान में संभवत पहली बार हुआ है जब किसी पार्टी के इतने विधायकों ने एकता स्पीकर को इस्तीफा सौंप दिया हो और जिस पर इतने दिनों बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ. भाजपा का यह भी कहना है कि राजपाल का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.
कांग्रेस की दो तस्वीरों ने एक बार फिर सियासत को गरमा दिया पहला ट्वीट आया दिव्या मदेरणा का ट्वीट के जरिए दिव्या मदेरणा ने कहा कि इस्तीफा देना विधायकों की भूल थी और जो आलाकमान से टकराएगा वह चूर चूर हो जाएगा यानी एक बार फिर दिव्या मदेरणा ने सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा. दूसरी तस्वीर आती है भारत जोड़ो यात्रा जहां युवा बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम राहुल गांधी के साथ कुछ कदम साथ चलते हैं और इस दौरान सीताराम मामा से बात करते हैं. राहुल पूछते क्या राजस्थान में सरकार रिपीट हो रही है यानी साफ है कि राजस्थान के सियासी नमस्कार को लेकर आलाकमान भी चिंतित है. वही अभी भी सरकार के मंत्री इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. हालांकि इशारों इशारों में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने एक बार फिर अशोक गहलोत को बड़ा नेता बताते हुए संकेत दिए हैं कि अभी सीएम अशोक गहलोत रहेंगे. इसी बीच एक तस्वीर आती है दिल्ली अशोक गहलोत गुजरात दौरे के बाद दिल्ली पहुंचते हैं मीडिया से रूबरू होकर अशोक गहलोत राजस्थान के संदर्भ में पूछे गए सवाल पार्टी एकजुट है. हमें मिलकर चलना है हालांकि से पहले सीएम अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के दिन पायलट पर निशाना साध चुके हैं. गहलोत ने कहा था कि अनुभव का कोई तोड़ नहीं है जो युवा जल्दबाजी कर रहे और जल्दबाजी करेंगे वैसे ही भटकते रहेंगे. एक बात साफ है आने वाले दिनों में फिर से कांग्रेस की अंदरूनी सियासत गरमाने वाली. ऊंट किस करवट बैठेगा यह भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है.
वीडियो जर्नलिस्ट राजू चौधरी के साथ लालसिंह फ़ौजदार--न्यूज़ नेशन,,जयपुर
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