मेहरबान मानसून, बांध बारिश के पानी से लबालब
मानसून ने इस बार 11 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. तकरीबन एक दशक में ऐसा पहली बार है, जब प्रदेश के 18 बड़े बांध में से 15 बांध 90 फीसदी से ज्यादा तक भर चुके हैं. सिर्फ तीन बांधों में फिलहाल पानी कम है.
जयपुर:
मानसून ने इस बार 11 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. तकरीबन एक दशक में ऐसा पहली बार है, जब प्रदेश के 18 बड़े बांध में से 15 बांध 90 फीसदी से ज्यादा तक भर चुके हैं. सिर्फ तीन बांधों में फिलहाल पानी कम है. उधर, सितंबर में मानसून के एक बार फिर एक्टिव होने की संभावना है. नया वेदर सिस्टम बनते ही बारिश का अगला दौर शुरू होगा. वहीं प्रदेश के 670 भागों में से 200 बांध ओवरफ्लो हैं.
राजस्थान में बीसलपुर, माही, राणा सागर और जवाई बांध समेत 18 बड़े बांध हैं, जिसमें पांच पूरी तरह पानी से लबालब हैं. ये हालात तब है, जब इन बांधों के गेट खोलकर पानी भी छोड़ा गया है. टोंक के हारो, बीसलपुर और गलवा तीनों बांध
छलक रहे हैं. बूंदी का गुढा और प्रतापगढ़ में जाखम बांध भी अपनी क्षमता तक पूरे भरे हैं. चित्तौड़गढ़ का राणा प्रताप सागर बांध 94 फीसदी, कोटा बैराज 95 फीसदी, बांसवाड़ा का माही सागर 93 फीसदी भरा हुआ है. धौलपुर का पार्वती डेम, डूंगरपुर के सामनकला और राजसमंद डेम में पिछले साल की तुलना में इस बार पानी कम है.
एक दिन पहले ही बीसलपुर डेम के दो गेट खोले गए थे. 19 साल में छठी बार ऐसा मौका आया. इससे पहले कोटा बैराज, कालीसिंध और माही डेम के गेट खोल पानी छोड़ा गया. दरअसल, राजस्थान पर कई सालों से मानसून मेहरबान है, केवल 2018 के मानसून में सामान्य से छह प्रतिशत कम पानी बरसा. 2011 से 2017 तक और 2019 से 2021 तक बारिश का आंकड़ा पिछले साल से ज्यादा में ही रहा है.
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