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Shiv Sena: उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले पर उठाया सवाल, ...तो फिर ये लोकतंत्र कैसा हुआ

Shiv Sena : मुंबई स्थित शिवसेना भवन में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने अपने गुट के विधायकों और नेताओं की बैठक बुलाई. चुनाव आयोग की ओर से एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना और चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने के बाद ये बैठक बुलाई गई है.

Updated on: 20 Feb 2023, 03:15 PM

मुंबई:

Shiv Sena : मुंबई स्थित शिवसेना भवन में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने अपने गुट के विधायकों और नेताओं की बैठक बुलाई. चुनाव आयोग की ओर से एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना (Shiv Sena) और चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने के बाद ये बैठक बुलाई गई है. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अगर कोई हिंदुत्व का बुरखा पहनकर घूम रहा है तो उसके खिलाफ राष्ट्रीय हिंदुत्व बनाकर हम जवाब देंगे. 

उद्धव ठाकरे ने कहा कि वन थर्ड सदस्य एक साथ नहीं गए थे. अगर सभी सदस्य एक साथ जाते तो फिर कानूनन होता, लेकिन एक साथ कहां गए हैं. पहले एक गुट, फिर दूसरा और फिर एक एक करके गए हैं. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. हम इंसाफ की उम्मीद रखते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में उलझन पैदा करने के लिए यह सब किया जा रहा है. हमारी शाखा, हमारे सरकारी दफ्तर लूटने में लगे हैं. 

उन्होंने कहा कि इससे पहले कांग्रेस में भी यह विवाद हुआ था. समाजवादी पार्टी में भी ऐसा विवाद हुआ था, लेकिन लोग कोर्ट में नहीं गए और फिर अखिलेश यादव को चुनाव चिह्न मिल गया.. जयललिता की पार्टी में भी ऐसा विवाद हो चुका है. चुनाव आयोग ने हमसे कहा था कि पार्टी में सदस्य की संख्या कितनी है. ऐसे स्टांप पेपर सबमिट करने के लिए कहा गया था. हमारे घर में पड़ी रद्दी को मार्केट में भाव नहीं मिल रहा था, इसलिए हमने चुनाव आयोग में हमारे कार्यकर्ताओं के लाखों स्टांप पेपर नहीं दिए थे. 

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उद्धव ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि वकील कपिल सिब्बल ने कहा है कि वो पेपर सबमिट किए हैं, उसके अंदर क्या लिखा है वो भी जरा EC को देख लेना चाहिए. हमारे लिए शिंदे दल का व्हिप मानने की जरूरत नहीं है. इससे पहले चुनाव आयोग ने हमें एक दल, शिंदे को दूसरा दल... दोनों दलों को नाम और चुनाव चिह्न दिया था, जिसपर हमने अंधेरी उप चुनाव लड़ा था. चुनाव आयोग को बर्खास्त करना चाहिए. अगर EC में अधिकारियों की सीधी नियुक्ति की जाती है तो फिर यह लोकतंत्र कैसा हुआ. ऐसी हमारी मांग है कि EC के अधिकारियों को चुनाव करके ही पद पर बैठाना चाहिए.