किसानों के मुद्दे पर NDA से अलग हुआ राजू शेट्टी का स्वाभिमानी शेतकरी संगठन, अब करेंगे आंदोलन
लोकसभा सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्व वाली स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (एसएसएस) ने बुधवार को केन्द्र और राज्य में एनडीए से नाता तोड़ लिया है।
highlights
- पिछले 3 सालों में केन्द्र और राज्य सरकार दोनों ने किसानों के लिए कुछ भी नहीं की: शेट्टी
- 20 नवंबर को जंतर- मंतर पर आयोजित होने वाले किसान आंदोलन के लिए पार्टी काम करेगी
- किसानों को फसलों पर 150 प्रतिशत एमएसपी दिलाने की लड़ेंगे लड़ाई: शेट्टी
नई दिल्ली:
लोकसभा सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्व वाली स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (एसएसएस) ने बुधवार को केन्द्र और राज्य में एनडीए से नाता तोड़ लिया है। संगठन ने एनडीए सरकार पर किसानों के मुद्दे को न सुलझाने का कारण बताकर गठबंधन तोड़ने का फैसला किया।
एनडीए और राज्य में 'महायुति' (महागठबंधन) से बाहर होने का फैसला पार्टी की राज्य स्तरीय कार्यकारिणी बैठक में लिया गया। हालांकि स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के पास एकमात्र सांसद है और राज्य में एक भी विधायक नहीं है, जिससे सरकार में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सांसद राजू शेट्टी ने कहा, 'हमने 2014 के चुनाव में किसानों को फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलाने को लेकर एनडीए और महायुति को समर्थन किया था, लेकिन पिछले 3 सालों में ये कुछ नहीं कर पाए हैं।'
और पढ़ें: मुंबई में पांच मंजिला इमारत गिरी, तीन की मौत, 12 घायल
शेट्टी ने कहा कि उनकी पार्टी किसी राजनीतिक पार्टी के साथ काम नहीं करेगी, अब वो सिर्फ देश में किसानों के आंदोलन को मजबूत करने पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि संगठन किसानों को फसलों पर 150 प्रतिशत एमएसपी दिलाने और उन पर कर्ज के बोझ को कम करने को लेकर काम करेगी।
उन्होंने कहा, 'एसएसएस राज्य और केन्द्र में एनडीए समर्थन को ज्यादा दिन तक बढ़ाकर बहुत बडी गलती की है। इसलिए मैंने एक आत्मक्लेश यात्रा निकाला और अब एनडीए और महायुति से गठबंधन तोड़ रहा हूं।'
इसके अलावा उन्होंने कहा है कि सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि उनके बच्चे भी आत्महत्या कर रहे हैं। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन यानि 20 नवंबर को जंतर- मंतर पर आयोजित होने वाले किसान आंदोलन के लिए पार्टी काम कर रही है।
और पढ़ें: सभी मोर्चे पर फेल हुई नोटबंदी, सिस्टम में वापस लौट आई 'ब्लैक मनी'!
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में देश भर के लगभग 150 संगठन भाग लेने वाले हैं। इस आंदोलन में दो मुख्य मांगे किसानों को एमएसपी दिलाने और कर्ज को खत्म करने की रहेगी।
आपको बता दें कि 2014 में एनडीए सरकार बनने के बाद पहली बार किसी पार्टी ने गठबंधन को तोड़ा है। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने किसानों के मुद्दे पर स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे की मध्यस्थता से एनडीए के साथ गठबंधन किया था।
और पढ़ें: नोटबंदी: ई-ट्रांज़ेक्शन में फेल 'डिजिटल इंडिया', RBI रिपोर्ट
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Mala Jaap Ke Niyam: इस तरह करेंगे माला का जाप तो धन में होगी दोगुनी तरक्की
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Fastest Growing Religion In The World: दुनिया में सबसे तेजी से फैल रहा है ये धर्म, हर जगह होगा इनका बोलबाला
-
Lo Shu Grid: ऐसे बनाएं अपना लोशु ग्रिड और जानें आपके भाग्य में राजयोग है या नहीं