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साल में सिर्फ नाग पंचमी के दिन खुलते हैं इस मंदिर के कपाट, भक्त करते हैं 11वीं शताब्दी की अद्भुत प्रतिमा के दर्शन

इस प्रतिमा में फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती विराजित हैं.

Updated on: 02 Aug 2019, 02:17 PM

नई दिल्ली:

5 अगस्त को सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है. इस दिन नाग पंचमी मनाई जाती है और भक्त नाग देवता की विशेष पूजा करते हैं. साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी पर उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में स्थित नाग चंद्रेश्वर मंदिर भक्तों के लिए खोला जाता है. नाग चंद्रेश्वर मंदिर के पट 4 अगस्त रात 12 बजे से 5 अगस्त की रात 12 बजे तक खुले रहेंगे. 5 अगस्त को सावन सोमवार पर महाकाल की तीसरी सवारी भी निकलेगी. इस वजह से उज्जैन में बड़ी संख्या में शिवजी के भक्त पहुंचेंगे.

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नाग आसन पर विराजित शिवजी और पार्वती के दर्शन नाग चंद्रेश्वर मंदिर में भक्त 11वीं शताब्दी की अद्भुत प्रतिमा के दर्शन करेंगे. इस प्रतिमा में फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती विराजित हैं. मान्यता हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी. उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है.

महाकालेश्वर मंदिर के ऊपरी तल पर स्थित है प्रतिमा

ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के सबसे ऊपरी तल पर ये प्रतिमा स्थित है. नाग चंद्रेश्वर के दर्शनों के लिए एक दिन पहले ही यहां श्रद्धालुओं को लंबी कतारें लग जाती हैं. नाग चंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश करते ही दाईं ओर भगवान नाग चंद्रेश्वर की प्रतिमा दिखाई देती है. ये प्रतिमा मराठाकालीन कला का उत्कृष्ट नमूना है और शिव-शक्ति का साकार स्वरूप है. 24 घंटे निरंतर दर्शन के बाद रात 12.30 बजे फिर एक वर्ष के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे. गेट बंद करने से पहले त्रिकाल पूजा के क्रम में रात 8 बजे महाकाल मंदिर की ओर से परंपरागत पूजन किया जाएगा.

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उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मंदिर समिति ने 5 अगस्त को नागपंचमी को ध्यान में रखते हुए स्ट्रक्चर की सुरक्षा व मजबूती को लेकर किए गए कार्यों की एक रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की जिस पर कोर्ट ने कहा कि हम मंदिर समिति द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति से जांच कराने के निर्देश भी दिए हैं. कोर्ट ने केंद्र से 16 सितंबर तक रिपोर्ट मांगी है.

बुधवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेच ने 5 अगस्त को नागपंचमी पर नागचंद्रेश्वर दर्शन के लिए अपनाए सुरक्षा उपायों पर महाकाल मंदिर कमेटी की रिपोर्ट भी मंजूर कर ली है और मंदिर कमेटी द्वारा उठाए गए कदमों पर संतुष्ट जताई है. सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि कोर्ट के निर्देश पर कैंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रूड़की, आईआईटी मद्रास और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल से इस मुद्दे पर संपर्क किया है. वह जांच करने के लिए राजी हो गए हैं. बेंच ने इसके बाद केंद्र को तीनों संस्थानों के प्रतिनिधियों की एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया.

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