'विंध्य के आखिरी कम्युनिस्ट' गिरीश गौतम होंगे मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष
देव तालाब से भाजपा के विधायक गिरीश गौतम ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. उनका अध्यक्ष बनना तय है. वहीं नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ (Kamalnath) ने अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध कराने का वादा किया है.
highlights
- एक तीर से दो निशाने साधे सीएम शिवराज सिंह चौहान
- बतौर स्पीकर गिरीश को जिम्मेदारी दे विंध्य की भरपाई की
- चार बार विधायक रहे गिरीश विंध्य के आखिरी कम्युनिस्ट
भोपाल:
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए देव तालाब से भाजपा के विधायक गिरीश गौतम ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. उनका अध्यक्ष बनना तय है. वहीं नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ (Kamalnath) ने अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध कराने का वादा किया है. राज्य में सत्ता में बदलाव हुए लगभग एक साल होने को जा रहा है, अभी विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा हैं. सोमवार को राज्य विधानसभा का बजट सत्र शुरु हो रहा है. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाना है. भाजपा ने विंध्य क्षेत्र के देव तालाब विधानसभा से चार बार के विधायक गिरीश गौतम को विधानसभाध्यक्ष का उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया है. गौतम ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) सहित अन्य प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में नामांकन पत्र भरा.
शिवराज ने की तारीफ
मुख्यमंत्री चौहान ने गौतम के संसदीय ज्ञान और अनुभव की सराहना करते हुए कहा, 'देवतालाब से विधायक गिरीश गौतम के हाथों में मध्य प्रदेश विधानसभा के संचालन का दायित्व होगा. आज उनका नामांकन दाखिल किया गया है. विंध्य मध्यप्रदेश का एक महत्वपूर्ण अंग है. जनता का आशीर्वाद हमें भरपूर मिला है, विधानसभा अध्यक्ष भी अब यहीं से होंगे.' चौहान ने आगे कहा, 'अपनी निष्पक्षता, सबको साथ लेकर चलने की क्षमता और संसदीय ज्ञान की जानकारी के आधार पर गिरीश गौतम विधानसभा अध्यक्ष पद की गरिमा को निश्चित तौर पर और आगे बढ़ाएंगे तथा विधानसभा का सुचारू संचालन होगा. उन्हें मेरी हार्दिक शुभकामनाएं!'
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कमलनाथ ने तंज कस दिया समर्थन
वहीं नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने विधानसभाध्यक्ष के लिए कांग्रेस का उम्मीदवार न उतारने का ऐलान करते हुए निर्विरोध चुनाव की पैरवी करते हुए कहा, भाजपा का शुरू से संसदीय परंपराओं में कभी विश्वास नहीं रहा है. वर्षों से विधानसभा अध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष को व उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की चली रही परंपराओं को भाजपा ने तोड़ा है, लेकिन हमारा शुरू से ही संसदीय परंपराओं में विश्वास रहा है. हमने निर्णय लिया है कि हम विधानसभा अध्यक्ष पद की संवैधानिक गरिमा को देखते हुए निर्वाचन में पूर्ण सहयोग करते हुए निर्विरोध ढंग से विधानसभा अध्यक्ष पद का निर्वाचन करवाने में अपनी ओर से पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे.'
विंध्य के आखिरी कम्युनिस्ट
आपको बता दें कि शिवराज कैबिनेट में विंध्य क्षेत्र से आने वाले किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया था. इससे क्षेत्र के नेता असंतुष्ट थे. लंबे समय से विंध्य को सरकार में नेतृत्व देने की मांग उठ रही थी. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र में भाजपा को सर्वाधिक सीटें मिली थीं. अब गिरीश गौतम को स्पीकर बनाकर भाजपा ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है. गिरीश गौतम ने अपनी सियासी पारी 1977 में छात्र राजनीति शुरू की. वह 2003 से 2018 तक लगातार चौथी बार दो अलग-अलग सीटों से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. उन्होंने 1993 व 98 सीपीआई से विधानसभा का चुनाव लड़ा. तब गिरीश गौतम को कांग्रेस पार्टी के दिग्गज व विंध्य के चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी से शिकस्त का सामना करना पड़ा था.
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