झारखंड की रांची में उलगुलान न्याय रैली, मची भगदड़, जमकर चली कुर्सियां
झारखंड में सियासी पारा हाई हो चुका है. रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में इंडिया गठबंधन की उलगुलान न्याय रैली दोपहर के करीब 2 बजे शुरू हुई. इस रैली को इंडी गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है.
highlights
- उलगुलान न्याय रैली में पहुंचे कई बड़े नेता
- रैली में मचा भगदड़, जमकर चली कुर्सियां
- बाबूलाल मरांडी ने रैली को लेकर उठाए सवाल
Ranchi:
झारखंड में सियासी पारा हाई हो चुका है. रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में इंडिया गठबंधन की उलगुलान न्याय रैली दोपहर के करीब 2 बजे शुरू हुई. इस रैली को इंडी गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है. झामुमो ने इस रैली को आयोजित किया है. रैली में देशभर से कई विपक्षी नेता शामिल होने के लिए पहुंचे. इस रैली में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुला, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान पहुंचे हैं. पहले इस रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल होने वाले थे, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से राहुल नहीं पहुंच सके. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने जानकारी देते हुए बताया कि राहुल गांधी आज रांची व सतना में चुनाव प्रचार के लिए तैयार थे, लेकिन अचानक बीमार होने की वजह से फिलहाल वे दिल्ली से बाहर नहीं जा सकते हैं.
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उलगुलान न्याय रैली में मचा भगदड़
उलगुलान न्याय महारैली में नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुला ने कहा कि हम लोग संविधान को बचाना चाहते हैं और जो हमारी धर्मनिरपेक्षता की परंपरा रही है, उसको बचाना चाहते हैं. हम देश को प्यार से आगे ले जाना चाहते हैं. वहीं, मंच से तेजस्वी ने कहा कि हेमंत सोरेन के साथ न्याय हुआ है और झारखंड की जनता इसका बदला लेगी. वहीं, इस रैली के शुरू होते ही भगदड़ मच गई. वहां मौजूद कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए और इसे लेकर जमकर कुर्सी व डंडे चलने लेग. इस घटना में कुछ कार्यरकर्ताओं के सिर भी फूटे.
बाबूलाल मरांडी ने रैली को लेकर उठाए सवाल
महागठबंधन की इस रैली पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह भ्रष्टाचारियों के द्वारा आयोजित सम्मेलन है. इसके साथ ही बाबूलाल मरांडी ने आदिवासी संस्कृति में पवित्र क्रांति के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उलगुलान शब्द का उपयोग किए जाने को लेकर भी आपत्ति जताई. मरांडी ने सवाल उठाते हुए कहा कि आदिवासी समाज की जमीनों और उनके संसाधनों को तबाह किया है, वे उलगुलान जैसे पवित्र शब्द का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं?
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