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लोकसभा चुनाव

इन 9 शर्तों पर टिकी है JMM नेता चंपई सोरेन की सरकार, जानें कैसे?

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक लोबिन हेम्ब्रोम (MLA Lobin Hembrom) चंपई सोरेन की नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने के लिए राजी हो गए हैं. हालांकि इसके लिए उन्होंने तमाम शर्तें भी रखी हैं.

Updated on: 04 Feb 2024, 07:14 PM

नई दिल्ली :

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक लोबिन हेम्ब्रोम (MLA Lobin Hembrom) चंपई सोरेन की नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने के लिए राजी हो गए हैं. हालांकि इसके लिए उन्होंने तमाम शर्तें भी रखी हैं. लोबिन हेम्ब्रोम ने रविवार को बताया कि, कल और परसो यानि 5 और 6 फरवरी को महत्वपूर्ण विश्वास मत के दौरान अगर चंपई उनका समर्थन चाहते हैं, तो उन्हें शर्तों की इस लंभी फेहरिस्त को पूरा करना होगा. बता दें कि उनकी इन मांगों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध, वन सुरक्षा और जल संरक्षण जैसे मुद्दे शामिल हैं...

गौरतलब है कि, विधायक लोबिन हेम्ब्रोम ने अपने हालिया बयान में ये स्पष्ट कर दिया है कि, अगर ये शर्तें पूरी नहीं होती है.. तो वे अपना विरोध जारी रखेंगे. ऐसे में चलिए हेम्ब्रोम की तमाम मांगों की इस पूरी लिस्ट का पढ़ते हैं... 

1. झारखंड में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध

2. वनों की सुरक्षा

3. जल संरक्षण

4. छोटा नागपुर टेनेंसी (सीएनटी) अधिनियम और संथाल परगना टेनेंसी (एसपीटी) अधिनियम को सख्ती से लागू करना

5. ग्राम सभा, स्थानीय ग्राम परिषद की स्पष्ट मंजूरी के बिना राज्य या केंद्र सरकार द्वारा कोई भी भूमि अधिग्रहित नहीं होना. 

6. ग्राम सभा की सहमति के बिना खनन पट्टों के आवंटन पर रोक लगाना है.

7. भूमि अधिग्रहण और विस्थापन से प्रभावित लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक पुनर्वास आयोग की स्थापना करना. 

8. आदिवासियों और स्थानीय लोगों के खिलाफ दायर मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए समर्पित एक विशेष अदालत का निर्माण करना

9. झारखंड में उचित अधिवास नीति की घोषणा और कार्यान्वयन करना. 

बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, हेमंत सोरेन, जिन्हें 31 जनवरी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था, ने चंपई सोरेन को अपने उत्तराधिकारी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) विधायक दल के नेता के रूप में नामित किया था. अनुभवी और झामुमो के संस्थापक सदस्यों में से एक चंपई सोरेन ने शुक्रवार को राजभवन में शपथ ली. चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली नई सरकार ने अब सदन में बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट की मांग की है.

झारखंड के लगभग 40 गठबंधन विधायक, जो भाजपा द्वारा खरीद-फरोख्त की आशंकाओं के बीच हैदराबाद चले गए थे, मतदान में हिस्सा लेने के लिए रविवार शाम 6 बजे पूर्वी राज्य में लौट आएंगे. शनिवार को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत से भाग लेने की अनुमति मिलने के बाद हेमंत सोरेन भी विश्वास मत में भाग लेने के लिए तैयार हैं.