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Under-17 SAFF Women's Football Camp में झारखंड के बेटी का सेलेक्शन, माता-पिता करते हैं मजदूरी

धूप भी खानी पड़ती है मेहनत भी करनी पड़ती है यूं ही कोई नहीं होता कामयाब, कामयाबी की कीमत चुकानी पड़ती है.

Updated on: 02 Mar 2023, 11:50 AM

highlights

  • सिमडेगा की बेटी का हुआ चयन
  • अंडर-17 सैफ महिला फुटबॉल कैंप में हुआ चयन
  • टीवी पर खेलते देखना मां का सपना
  • आर्थिक तंगी के बावजूद मुकाम पर पहुंची बेटी 

Simdega:

धूप भी खानी पड़ती है मेहनत भी करनी पड़ती है यूं ही कोई नहीं होता कामयाब, कामयाबी की कीमत चुकानी पड़ती है. इस कहावत को सिमगेडा की बेटी विकसित बाड़ ने सच कर दिखाया है, जहां अभावों के अंबार में पली बेटी अब विदेश में पूरे राज्य का परचम लहराने को तैयार है. झारखंड के ग्रामीण इलाकों की प्रतिभाएं आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है. खेतों की पगडंडियों पर प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ना सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करते हैं और इन्हीं खिलाड़ियों में अब नाम शुमार होने वाला है सिमडेगा की बेटी विकसित बाड़ा का. जिसका चयन बांग्लादेश में आयोजित होने वाले अंडर-17 सैफ महिला फुटबॉल कैंप के लिए हो गया है.

सिमडेगा की बेटी का हुआ चयन

झारखंड से इस कैंप के लिए 12 खिलाड़ियों का चयन हुआ और खास बात ये कि इनमें ज्यादातर खिलाड़ी ग्रामीण और पिछड़े इलाकों से है. इनमें से दो खिलाड़ी सिमडेगा के कोलेबिरा प्रखंड के रसिया पंचायत की विकसित बाड़ा और बानो की हेलगढ़ा पंचायत की सौलीना डांग है.

टीवी पर खेलते देखना मां का सपना

विकसित बाड़ा के गांव की तस्वीरें बताने को काफी है कि ये क्षेत्र विकास के मामले में दूसरे इलाकों से काफी पीछे है, लेकिन जब बात प्रतिभा की हो तो यहां की बेटियों ने साफ कर दिया है कि वो किसी से कम नहीं. बात करें खिलाड़ी के परिवार की तो विकसित बाड़ा का परिवार आर्थिक तंगहाली से हर दिन दो-चार होता है. कच्चे मकान में रहने वाले खिलाड़ी के माता-पिता की इच्छा है कि बेटी को टीवी पर खेलते हुए देखे, लेकिन घर में तो टीवी ही नहीं है. टीवी ना होने का मलाल जरूर है, लेकिन फिलहाल तो खुशी इस बात की है कि उनकी बेटी ने अंडर-17 सैफ फुटबॉल कैंप के लिए अपनी प्रतिभा के दम पर जगह बनाई है.

गांव में खुशी का माहौल

इन गांव का विकास भले ना हुआ हो, लेकिन यहां के बच्चों में सपने देखने और उसे पूरा करने का जुनून है. जो गांव के कोने-कोने में देखने को मिल जाता है. विकसित बाड़ा के चयन के बाद पूरे गांव में जश्न का माहौल है. गांव वाले भी गांव की बेटी की उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे. विकसित बाड़ा हो या सौलीना डांग दोनों खिलाड़ियों ने साबित कर दिया है कि अगर आपमें लक्ष्य को हासिल करने का जब्जा हो तो कोई भी आपको रोक नहीं सकता. फिलहाल दोनों ही खिलाड़ी कैंप की तैयारी कर रही हैं. उम्मीद है कि सैफ अंडर 17 महिला फुटबॉल चैंपियनशिप के लिए भी उनका चुनाव हो जाएगा.

रिपोर्ट : अमित रंजन

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