हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार को घेरा, बोले - बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई से बलात्कारियों का बढ़ेगा मनोबल
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि गुजरात में बिलकिस बानो के केस में दोषियों की रिहाई का आदेश केंद्र की तरफ से आया था. इस तरह की घटना एक सामाजिक बुराई है. प्रशासन सज़ा देगा, कोर्ट न्याय करेगा तभी इस सामाजिक कुरीति पर लगाम लग सकेगी.
Ranchi:
बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में दोषियों की रिहाई को लेकर एक बार फिर सियासत तेज होती नजर आ रही है. कहा जा रहा है की अगर ऐसे ही दोषियों को बख्शा जाएगा तो इनके मंसूबे और बढ़ जाएंगे. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने इशारों इशारों में कह दिया है कि केंद्र अब केवल सत्ता की राजनीति कर रही है. जनता से उसे कोई मतलब नहीं है. हेमंत सोरेन ने कहा है कि बिलकिस बानो मामले में जो हुआ है, उससे रेप करने वालों का मन बढ़ेगा. बड़े दुर्भाग्य की बात है कि बिलकिस बानो के बलात्कारियों को रिहा कर दिया गया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि गुजरात में बिलकिस बानो के केस में दोषियों की रिहाई का आदेश केंद्र की तरफ से आया था. इस तरह की घटना एक सामाजिक बुराई है. प्रशासन सज़ा देगा, कोर्ट न्याय करेगा तभी इस सामाजिक कुरीति पर लगाम लग सकेगी. ऐसे लोग घटिया राजनीति कर रहे हैं.
केंद्र सरकार अगर ऐसे आदेश देगी तो राज्यों में क्या प्रभाव होगा? बड़ी विचित्र स्थिति है. केंद्र सरकार की तरफ से ये संदेश दिया जा रहा है कि ऐसी घटनाओं को अंजाम दो. ये लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं.
क्या हुआ था बिलकिस बानो के साथ उस दिन
गोधरा ट्रेन में आग लगाने की घटना के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान बिलकिस का बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया गया था. उस समय वह 21 साल की थी और पांच महीने की गर्भवती थी. उसके परिवार के सात सदस्यों की दंगाइयों ने हत्या कर दी थी. बलात्कार के बाद कम से कम तीन घंटे तक बिलकिस बेहोश रही थी. होश में आने के बाद उसने एक आदिवासी महिला से कपड़े उधार लिए और एक होमगार्ड से मिली जो उसे लिमखेड़ा पुलिस स्टेशन ले गया. उसने हेड कांस्टेबल सोमाभाई गोरी के पास शिकायत दर्ज कराई थी.
15 अगस्त 2022 को 11 दोषियों को कर दिया गया था रिहा
बिलकिस बानो रेप केस में सजा काट रहे 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने 15 अगस्त को रिहा कर दिया था. इनकी रिहाई के बाद आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. लेकिन गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिहाई को लेकर जवाब दाखिल कर दिया कि यह सभी लोग जेल में 14 साल से अधिक समय बिता चुके हैं. 1992 के नियमों में उम्र कैद की सजा पाए, कैदियों की 14 साल बाद रिहाई की बात कही गई थी.
रिहाई के बाद हीरो की तरह हुआ था स्वागत
रिहाई के बाद जब यह 11 लोग जेल से बाहर आए तो कुछ लोगों ने इनका 'तिलक लगाकर, माला पहनाकर' किसी हीरो की तरह स्वागत किया. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो गईं. अधिकतर लोगों ने इसका विरोध किया और विपक्षी नेताओं ने भी गुजरात सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए.
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