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गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार: जयराम रमेश को बाबूलाल मरांडी का जवाब, जानिए-क्या कहा?

गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलने को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश की विवादित टिप्पणी पर झारखंड के पूर्व सीएम व बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने पलटवार किया है.

Updated on: 19 Jun 2023, 09:08 PM

highlights

  • बाबूलाल मरांडी ने जयराम रमेश पर कसा तंज
  • गीता प्रेस को मिल रहे सम्मान की जयराम रमेश ने की थी आलोचना
  • मरांडी का जयराम को जवाब-'आप ने की ओछी और घटिया हरकत'

Ranchi:

गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार मिलने को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश की विवादित टिप्पणी पर झारखंड के पूर्व सीएम व बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने पलटवार किया है. मरांडी ने ट्वीट कर कहा, 'कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के करीबी जयराम रमेश ने "गीता प्रेस" के संबंध में बहुत ओछी और घटिया टिप्पणी की है."गीता प्रेस" पिछले सौ वर्षों से सनातनी लोगों की आस्था और विश्वास से जुड़े ग्रंथों को प्रकाशित करने का पवित्र काम कर रहा है.'

उन्होंने आगे लिखा, 'बिना किसी विज्ञापन तंत्र और आर्थिक सहयोग के यह संस्थान सनातनी सेवा में समर्पित है.पिछले दिनों "गांधी शांति पुरस्कार" मिलने के बाद भी यहां के प्रबंधन ने एक करोड़ रुपये की मिली राशि को विनम्रता से अस्वीकार कर दिया.'

बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा, 'आज के दौर में ऐसी निःस्वार्थ भक्ति हमें और कहीं देखने को मिलेगी?जयराम रमेश एक पार्षद का चुनाव न अपने दम पर जीत सकते हैं और न ही पार्टी को जीता सकते हैं.आने वाले समय में कांग्रेस नेपथ्य में जाएगी जिसके जिम्मेदार जयराम रमेश जैसे "हिंदू द्रोही" होंगे.'

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क्या कहा था जयराम रमेश ने ?

कांग्रेस ने गीता प्रेस को 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रदान करने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह निर्णय उपहासपूर्ण है और सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार की आलोचना करते हुए एक ट्वीट में कहा, 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर में गीता प्रेस को प्रदान किया गया है, जो इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है. अक्षय मुकुल द्वारा इस संगठन की लिखित जीवनी में उन्होंने महात्मा गांधी और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर गीता प्रेस के साथ चली लड़ाई व खराब संबंधों का खुलासा किया है. यह निर्णय वास्तव में एक उपहास और सावरकर व गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है.

पीएम ने गीता प्रेस को दी बधाई

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाएगा. पीएम मोदी ने रविवार को ट्वीट किया था, मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं. उन्होंने लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में 100 वर्षों में सराहनीय काम किया है.