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झारखंड में फिर तेज हुई सरना धर्म कोड की मांग, रखी 16 सूत्रीय मांगे

झारखंड एक आदिवासी बहुमुल राज्य है. पूरे विश्व में आदिवासियों की जनसंख्या सबसे अधिक झारखंड में है. इसके बावजूद आदिवासियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

Updated on: 10 Mar 2023, 04:37 PM

highlights

  • सरना धर्म कोड की मांग
  • मोराबादी मैदान में सरना धर्म कोड महारैली का आयोजन
  • सरकार से 16 सूत्री मांगे रखी गई

Ranchi:

झारखंड एक आदिवासी बहुमुल राज्य है. पूरे विश्व में आदिवासियों की जनसंख्या सबसे अधिक झारखंड में है. इसके बावजूद आदिवासियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सरकार की इस नजरंदाजी से पर्दा हटाने के लिए राजधानी रांची के इतिहासिक मोराबादी में सरना धर्म कोड महारैली का आयोजन किया गया. जिसमें 16 सूत्री मांगे रखी गई हैं. आपको बता दें कि झारखंड में आदिवासी समाज के लोग लंबे समय से सरना धर्म कोड की मांग कर रहे हैं. इस महारैली में झारखंड सहित कई राज्यों से आदिवासी समाज के लोग मौजूद रहे.

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16 सूत्री मांगे कुछ इस प्रकार हैं
1. आदिवासियों को जनगणना प्रपत्र में धार्मिक पहचान दी जाए.
2. पारस नाथ में मरांग बुरु की स्थिति को सुरक्षित रखा जाए.
3. केंद्र सरकार की मुहिम की कॉमन सिविल कोड देश में लागू हो इस बात का जनजाति समाज विरोध करता है.
4. झारखंड में TAC एवं पेशा कानून की स्थिति सुधारी जाए.
5. आदिवासी समाज को चिन्हित कर उनकी संस्कृति को सुरक्षित करें.
6. आदिवासियों की जमीन पर बाहरियों का कब्जा और सदा पट्टा पर वैध खरीद बिक्री पर रोक लगे.
7. आदिवासी महिला गैर आदिवासी से विवाह करती है तो उसका आदिवासी अधिकार खत्म हो.
8. झारखंड में वन पत्ता की व्यवस्था में सुधार लाया जाए.
9. लैंड बैंक कानून को वापस लिया जाए.
10. SIA सामाजिक प्रभाव को वापस किया जाए.
11.आदिवासियों के धर्मांतरण पर रोक लगे.
12. कुर्मी जाती आदिवासी में शामिल न हो.
13. ट्राइबल सब प्लान के पैसों का दुरुपयोग न किया जाए. आदिवासी हित में इन पैसों का इस्तेमाल किया जाए.
14. नियमितीकरण पर रोक लगे.
15. तृत्य और चतुर्थ नियुक्तियों में एससी एसटी बैक लोग खाली है उन पदों को नियुक्त किया जाए.
16. 21 वर्षों में जो सरकार ने जितनी बार नियुक्तियां की SC ST बैकलॉग रिक्त हैं, उनमें नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए.