logo-image

J&K: लंबी लड़ाई के लिए तैयार होकर घुसपैठ कर रहे पाकिस्तानी आतंकी?

Infiltration in Jammu and Kashmir: पाकिस्तान कश्मीर में नई रणनीति के साथ अपनी नाकाम कोशिशों में जुटा हुआ है. उसकी कोशिश है कि जम्मू-कश्मीर में शांति व्यवस्था न बन पाए और आतंकी लोगों का, सुरक्षा बलों का खून बहाते रहे. चूंकि अधिकांश आतंकी सीमा पर घुसपैठ के दौरान ही ढेर हो जाते रहे हैं, ऐसे में वो आतंकवादियों के साथ...

Updated on: 30 Nov 2022, 04:17 PM

highlights

  • आतंकियों ने बदली हथियारों को लेकर रणनीति
  • पूरी ट्रेनिंग के बाद सीमा पार कर रहे आतंकवादी
  • आतंकवादियों से भारी मात्रा में गोला-बारूद मिलना चिंता का विषय

नई दिल्ली:

Infiltration in Jammu and Kashmir: पाकिस्तान कश्मीर में नई रणनीति के साथ अपनी नाकाम कोशिशों में जुटा हुआ है. उसकी कोशिश है कि जम्मू-कश्मीर में शांति व्यवस्था न बन पाए और आतंकी लोगों का, सुरक्षा बलों का खून बहाते रहे. चूंकि अधिकांश आतंकी सीमा पर घुसपैठ के दौरान ही ढेर हो जाते रहे हैं, ऐसे में वो आतंकवादियों के साथ भारी मात्रा में हथियार नहीं भेजता था. बल्कि उन्हें लोकल सोर्सेज के जरिए बाद में हथियार मिलते थे. लेकिन अब पाकिस्तानी सेना, आईएसआई ने लंबी लड़ाई के लिए तैयार पूरी तरह से प्रशिक्षित आतंकियों को घुसपैठ के माध्यम से सीमा पार करा रहा है. साथ ही उन्हें ज्यादा हथियार दिये जा रहे हैं कि वो लंबे समय तक लड़ाई कर सके और सेना को रोक कर रख सकें. भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले कुछ समय से इसी तरह के मामले देखे हैं.

भारी मात्रा में हथियार बरामद

ताजे मामले में सेना की रोमियो फोर्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिल कर पुंछ जिले में एक संयुक्त तलाशी अभियान को अंजाम दिया. जहां 2 एके राइफलों के साथ ही लंबी लड़ाई के लिए भारी मात्रा में मैगजीन्स, गोलियों को मौजूदगी ने उन्हें चौका दिया है. यहां लड़ाई के लिए तैयार आतंकियों के पास से 2 एके राइफल्स, 7 एके मैगजीन्स, 1 पिस्टल-जिसकी मैगजीन गोलीबारी के बाद खाली हो गई थी, 5 चीनी ग्रेनेड, 69 राउंड 7.62 एमएम की गोलियां बरामद की गई हैं. जो चौंकाने वाला है. अब तक किसी ठिकाने से या ट्रेनिंग सेंटर से ही इतने हथियार मिलते थे, लेकिन सिर्फ एक आतंकी के ठिकाने से इतने हथियारों की बरामदगी चिंता की बात है. 

सेना ने तोड़ी है सहायकों की कमर

विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान ने इस मामले में अपनी रणनीति बदली है. चूंकि वो स्थानीय स्तर पर हथियारों की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है. भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस पहले से कहीं अधिक चौकस है. प्रशासन भी आतंकियों के प्रति सहानुभूति रखने वालों पर लगातार कड़ी कार्रवाई कर रहा है. उनकी आय के स्रोत समाप्त हो रहे हैं. ऐसे में अब आतंकियों के पास अपने आकाओं के सामने हाथ फैलाने के अलावा कोई चारा भी नहीं है.