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Earthquake in Chamba: हिमाचल के चंबा में डोली धरती, 5.3 तीव्रता का भूकंप, घर के बाहर निकले लोग 

Earthquake in Chamba: रात को करीब 9:35 पर ये झटके महसूस किए गए. इससे अभी किसी तरह के जानमाल का नुकसान सामने नहीं आया है

Updated on: 04 Apr 2024, 11:50 PM

नई दिल्ली:

हिमाचल प्रदेश के चंबा में गुरुवार देर रात 9:35 पर भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए. यहां पर अचानक भूकंप के झटके के बाद लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए. यहां पर रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटके की तीव्रता 5.3 तक आंकी गई है. भूकंप के झटके से जिले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. प्रशासन के अनुसार, भूकंप के झटके से जिले में किसी प्रकार के जानमाल का नुकसान नहीं देखा गया. यहां पर कुल्लू और लाहौल घाटी में एक बाद एक कई भूकंप के झटके महसूस किए गए. रात को करीब 9:35 बजे आए भूकंप के तीन से चार झटकों के बाद लोग घर से बाहर निकल आए. केलांग में तो लोग कड़ाके की ठंड में बच्चों के साथ अपने घर से बाहर निकल आए. वहीं ऐसा ही हाल मनाली और कुल्लू में भी देखने को मिला. 

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1905 की सुबह आया 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप 

कांगड़ा में चार अप्रैल 1905 की सुबह 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप में 20 हजार से अधिक इंसानी जानें चली गई थीं. भूकंप से कांगड़ा और आस पास एक लाख से करीब इमारतें ध्वस्त हो गईं. वहीं 53 हजार से अधिक मवेशी भी भूकंप की भेंट चढ़ गए.

आखिर क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर कई लेयर होती हैं. ये लगातार घूमती रहती हैं. जहां पर ये प्लेटस अधिक टकराती है, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने पर प्रभाव पड़ता है. इस कारण अधिक दबाव बनता है. इसमें प्लेट्स टूटना आरंभ हो जाती है. ऐसे में ऊर्जा बाहर आने का रास्ता निकालाती हैं. इसके बाद भूकंप आ जाता है.
 
क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहा जाता है, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल होने से भूगर्भीय ऊर्जा पैदा होती है. यहां पर भूकंप से अधिक कंपन महसूस होती है. कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती है, इसका प्रभाव कम होता है. अगर रिक्टर स्केल पर सात या इससे अधिक की तीव्रता का भूकंप आता है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है.