गुजरात में 'मूंछ' पर बवाल, दलित नाबालिग पर चाकू से हमला
गुजरात में एक बार फिर दलित पर हमला हुआ है। जहां गांधीनगर के लिंबोदरा गांव में एक नाबालिग दलित को दो अज्ञात लोगों ने चाकू से मारकर घायल कर दिया।
highlights
- गांधीनगर के लिंबोदरा गांव में नाबालिग दलित पर हमला
- मूंछ रखने की वजह से पिछले दिनों दलित नाबालिग के संबंधी पर हुआ था हमला
नई दिल्ली:
गुजरात में एक बार फिर दलित पर हमला हुआ है। जहां गांधीनगर के लिंबोदरा गांव में एक नाबालिग दलित को दो अज्ञात लोगों ने चाकू से मारकर घायल कर दिया।
नाबालिग मूंछ रखने की वजह से पिछले हफ्ते हमले के शिकार हुए युवक पीयूष परमार का संबंधी है।
पुलिस ने कहा, नाबालिग पीड़ित दिगंत महेरिया पर गांधीनगर के लिंबोदरा गांव में मंगलवार को शाम 5.30 बजे दो बाइक सवार ने उस वक्त हमला किया जब वह स्कूल से लौट रहा था। हमलावर अपने चेहरे को काले कपड़े से ढंके थे।
पीयूष परमार (24) पर 25 सितंबर को स्टाइलिश मूंछ रखने की वजह से राजपूत समाज के लोगों ने हमला कर दिया था। इस घटना के दौरान दिगंत महेरिया मौजूद था।
पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र सिंह यादव ने घायल दिगंत से अस्पताल में मुलाकात की और व्यक्तिगत रूप से लड़के से और उसके परिवार से घटना की जानकारी ली।
कक्षा 11 के छात्र दिगंत महेरिया को इलाज के लिए गांधीनगर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी पीठ में 15 टांके लगाए गए हैं।
उप जिला अधिक्षक वीएन सोलंकी (कलोल डिविजन) ने कहा, 'दिगंत ने बताया कि उनपर दो अज्ञात लोगों ने ब्लेड से हमला कर दिया। उसके पीठ पर जख्म के निशान हैं। हमने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।'
दिगंत के चाचा किरित महेरिया ने दावा किया कि उसपर इसलिए हमला हुआ है क्योंकि पीयूष के मामले में उच्च जाति के लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
किरित महेरिया ने कहा, 'उन्होंने उससे पूछा कि उसने पुलिस में मामला दर्ज किया था (पीयूष के मामले में) और जब उसने हां कहा, तब उन्होंने धक्का दिया और पूछा क्यों?'
उन्होंने कहा, 'वह स्कूल से मुश्किल से 200 मीटर दूर गया होगा, जह मोटरसाइकिल सवार दो हमलावर लड़कों द्वारा उसपर हमला किया गया। वहां से एक रास्ता हमारे घर की ओर आता है।'
आपको बता दें कि पिछले महीने की 29 तारीख को भरत सिंह वाघेला नामक व्यक्ति ने लॉ के छात्र कृणाल महेरिया की कथित तौर पर इसलिए पिटाई कर दी क्योंकि उसने स्टाइलिश मूंछ रखा था।
पिछले दिनों गुजरात के आनंद जिले में एक 21 साल के दलित व्यक्ति के गरबा कार्यक्रम में हिस्सा लेने पर पीट-पीट कर मार डालने का मामला सामने आया था।
पिछले साल गुजरात के ऊना में गाय की खाल निकालने के आरोप में चार दलित युवक को बुरी तरह पीटा गया था। ऊना कांड का पूरे देश में जमकर विरोध हुआ था।
आपको बता दें कि इस साल के अंत में गुजरात विधानसभा का चुनाव है। ऐसे में दलितों पर हुए हमले का मुद्दा प्रमुखता से उठने की संभावना है।
और पढ़ें: रोहिंग्या मुद्दे पर SC ने कहा- भावनाओं पर नहीं, सिर्फ कानूनी बिंदुओं पर हो सुनवाई
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