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मेट्रो के गेट में साड़ी फंसी, मां घिसटती रही, मासूम बच्चे ने बयां किया हादसे का खौफनाक मंजर

इंद्रलोक स्टेशन से रेड लाइन मेट्रो चेंज करने के दौरान महिला की साड़ी और बैग गेट में फंस गया. वो मेट्रों के साथ घिसटती रही. महिला के सिर में गंभीर चोट आई हैं. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. 

Updated on: 17 Dec 2023, 04:57 PM

नई दिल्ली:

आउटर दिल्ली के नागलोई क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है. मेट्रो प्रशासन की लापरवाही के कारण एक महिला की मौत हो गई. यह मामला बीते गुरुवार का है. महिला अपने 10 वर्ष के बेटे के साथ मायके जा रही थी. नागलोई से मेट्रो लेकर वह इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन (Inderlok Metro Station) पर पहुंची. यहां पर वह दूसरी मेट्रो को पकड़ने जा रही थी, तभी महिला की साड़ी मेट्रो के गेट में फंस गई. तभी साथ मेट्रो चल पड़ी. इस दौरान महिला काफी दूर तक मेट्रो के प्लेटफार्म पर घिसटती रही. इस दौरान स्टेशन पर यात्री ने भी आवाज लगाई. मगर मेट्रो का दरवाजा नहीं खुला. मेट्रो ट्रेन प्लेटफार्म से आगे निकल गई. वहीं गेट में फंसी महिला प्लेटफॉर्म के अंतिम छोर तक पहुंच गई.

यहां पर वह गेट से टकरा गई और मेट्रो के ट्रैक पर गिर गई. इस कारण महिला के सिर पर गंभीर चोट आई हैं. उसे सफदरजंग के अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां पर शनिवार को उसकी मौत हो गई. यह हादसा महिला के 10 साल के बेटे हितेंद्र के सामने हुआ. तब से बच्चा काफी सहमा हुआ है. 

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शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे

बच्चे ने बताया कि वह अपनी मां के साथ नानी के घर जा रहा था. नानी का घर मेरठ में है. वह शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे. 13 वर्ष की बहन रिया घर पर ही थी. जब ये लोग इंद्रलोक से मेट्रो पकड़ रहे थे तभी यह घटना सामने आई. मां की साड़ी मेट्रो में फंस गई और जब तक वह कुछ कर पाता मेट्रो चल पड़ी. मां मेट्रो संग घिसटती रही. वो उसे बचाने के लिए मेट्रो के साथ दौड़ता रहा. इस दौरान मेट्रो नहीं रुकी. 

बताया जा रहा है कि मां प्लेटफॉर्म के अंतिम छोर पर एक लोहे जाली से जा टकराई और ट्रैक पर गिर गई. बेटा मां को बचाने के लिए मेट्रो के ट्रैक पर कूद पड़ा. इसके बाद मेट्रो कर्मचारी पहुंचे और मां को हॉस्पिटल पहुंचाया. पीड़ित परिवार का आरोप है कि घायल अवस्था में महिला को कोई हॉस्पिटल में दाखिला नहीं दे रहा था. बाद में सफदरगंज हॉस्पिटल में उसे एडमिट किया गया. इस दौरान महिला कोमा में थी और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. महिला का नाम रीना (35) था. वो अपने दो बच्चों के साथ नागलोई कैंप में किराए के मकान में रहती थी.  पति रवि का वर्ष 2014 में बीमारी के बाद मृत्यु हो गई. 

घरों में साफ-सफाई का काम करती थी 

मां के जाने बाद दोनों बच्चे अनाथ हो गए हैं. रीना दिन में घरों में साफ-सफाई का काम करती थी. इसके बाद शाम सब्जी की रेहड़ी लगाती थी. उसके पति भी सब्जी बेचने का काम करते थे. पति की मौत के बाद से वो अकेले पूरे घर का खर्चा उठा रही थी. उसकी मौत के बाद दोनों बच्चों का अब कोई ख्याल रखने वाला नहीं है. दिल्ली मेट्रो से बच्चों को आर्थिक मदद की गुहार लगाई गई गई. वहीं पुलिस इस मामले में जांच कर रही है. सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद से ये साफ होगा कि घटना किस तरह से हुई.