Yamuna Flood: यमुना में बाढ़ का खतरा, दिल्ली में बारिश ने बीते 41 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा
दिल्ली सरकार का कहना है कि मंगलवार तक यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है. यमुना किनारे रहने वालों को अलर्ट जारी किया गया है.
highlights
- 12 घंटे में 126 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है
- यमुना के किनारे रहने वालों को अलर्ट जारी किया गया
- दोपहर 1 बजे तक यमुना का जलस्तर 203.18 मीटर तक पहुंचा
नई दिल्ली:
पूरे देश में बारिश ने कहर मचा रखा है. कई शहरों में बरसात से सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं. लोगों को यातायात में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कई घरों में पानी भर गया है. इस बीच राजधानी में बरसात ने 41 वर्षों के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है. बीते 12 घंटे में 126 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है. राजधानी दिल्ली में इस बरसात ने पुराने दिनों की याद दिला दी है. साल 1978 और फिर 2010 में हुई बरसात में ऐसे ही यमुना उफान पर थी. दरअसल, दिल्ली में बीते 24 घंटे में 150 मिलीलीटर बारिश हुई है, यानि पूरे मौसम में जितनी बारिश होती है, उसका बीस प्रतिशत बीते 24 घंटे में ही हो चुकी है.
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यमुना में बाढ़ आने का मुख्य कारण हथिनी कुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाना है. इस कारण दिल्ली सरकार ने बाढ़ चेतावनी दी है. दिल्ली सरकार का कहना है कि मंगलवार तक यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाएगा. ऐसे में यमुना के किनारे रहने वालों को अलर्ट जारी किया गया है.
205.33 मीटर को पार कर जाएगा यमुना का जलस्तर
राजधानी में यमुना का जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इस कारण पुराने लोहे के पुल के नजदीक यमुना खतरे के निशान को पार कर चुकी है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) का कहना है कि रविवार को दोपहर 1 बजे तक यमुना का जलस्तर 203.18 मीटर तक पहुंच चुका था. चेतावनी का जो स्तर है, वह 204.5 मीटर है. मंगलवार तक ये जलस्तर 205.33 मीटर को पार कर जाएगा. ऐसे में राजधानी के निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बाढ़ आने पर करीब 37,000 लोगों पर असर होगा. वहीं हरियाणा से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण हालात बदतर हो सकते हैं.
169.9 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी 1982 में
राष्ट्रीय राजधानी में बारिश ने 41 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इतिहास को याद करें तो 1982 के बाद जुलाई में एक दिन में सबसे अधिक 153 मिमी बारिश हुई. इससे पहले 1982 में 25 जुलाई को 169.9 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई थी. वर्ष 2003 में 24 घंटे में 133.4 मिमी तो 2013 में 123.4 मिमी बारिश दर्ज हुई. बरसात का सिलसिला अभी रुका नहीं है. अगले कई दिनों तक बारिश होने की संभावना बनी हुई है.
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