logo-image
लोकसभा चुनाव

Delhi: AAP सांसद राघव चड्ढा ने की मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग, पीएम मोदी के ट्वीट को भी किया साझा

Delhi: AAP सांसद राघव चड्ढा ने की मणिपुर को लेकर चिंता जाहिर की है. इसके साथ ही उन्होंने लगातार बिगड़ के प्रदेश के हालातों के बीच राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग भी की.

Updated on: 21 Jul 2023, 04:15 PM

highlights

  • AAP सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर हिंसा पर जताई चिंता
  • राघव चड्ढा ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग की
  • दिल्ली सरकार के खिलाफ काले अध्यादेश पर भी बोले आप नेता

नई दिल्ली:

Delhi: मणिपुर हिंसा को लेकर सियासी पारा हाई है. एक तरफ संसद के दोनों सदनों में मणिपुर के हालातों को लेकर विपक्षी दलों ने हंगामा किया तो वहीं दूसरी ओर कई राजनेताओं ने इस हिंसा को लेकर सरकार से जवाब भी मांगा है. वहीं इन सबके बीच आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने मणिपुर हिंसा को लेकर एक खास ट्वीट किया. इस ट्वीट के जरिए उन्होंने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है. इतना ही नहीं आप सांसद ने इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी का एक ट्वीट पर साझा किया है.

आम आदमी पार्टी के सांसद और नेता राघव चड्ढा ने मणिपुर में हिंसा के बीच महिला को निर्वस्त्र घुमाए जाने और उनके साथ हो रहे दुष्कर्मों जैसी जघन्य घटनाओं को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यहां तुरंत प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाना चाहिए. 

पीएम मोदी का पुराना ट्वीट भी किया साझा 
अपने ट्वीट में आप सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांच वर्ष पुराना एक ट्वीट भी साझा किया है. इस ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा है कि जो लोग प्रदेश (मणिपुर) में शांति कायम नहीं कर सकते हैं उन्हें सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है. उनके इसी ट्वीट को साझा करते हुए राघव चड्ढा ने मौजूद बीरेन सरकार को हटाए जाने की भी मांग की है. 

यह भी पढ़ें - Mamata Security Breach: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की सुरक्षा में चूक, चाकू लेकर घुसा नशे में चूर शख्स


दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश पर भी उठे सवाल
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के सांसद और नेता राघव चड्ढा ने ये भी बताया कि संसद में दिल्ली सरकार के खिलाफ लाए गए अध्यादेश को लेकर भी मुद्दा उठाया गया. सभी दलों ने मिलकर इस अध्यादेश को एक काला अध्यादेश बताया और इसे वापस लेने की बात भी कही. 

इसके साथ ही ये भी कहा गया कि, इस अध्यादेश को ना तो सदन में पेश होना चाहिए और ना ही इस पर किसी तरह की चर्चा होनी चाहिए. इसके साथ ही आप सांसद ने ये भी कहा कि, हमें उम्मीद राज्यसभा स्पीकर हमारी मांगों और बातों पर गौर करेंगे और अध्यादेश को वापस लेने के लिए सरकार की सलाह देंगे.