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AAP सांसद राघव चड्ढा को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश, कोर्ट ने दिया ये हवाला

AAP सांसद राघव चड्ढा को झटका लगा है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को टाइप 7 बंगला खाली करने का आदेश दिया है.

Updated on: 06 Oct 2023, 10:39 PM

नई दिल्ली:

पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को टाइप 7 बंगला खाली करने का आदेश दिया है.  राज्यसभा सचिवालय के वकील ने दलील देते हुए कहा था कि राज्यसभा सांसद होने के नाते राघव चड्ढा को टाइप 6 बंगला आवंटित करने का अधिकार है, जबकि वह टाइप-7 बंगला में रहते हैं. राज्यसभा सचिवालय से भूलवश टाइप-7 निवास आवंटित हो गया था. जो पहली बार सांसद बनते हैं उन्हें फ्लैट या टाइप 6 बंगला आवंटित किया जाता है. 

पटियाला हाउस कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता बतौर राज्यसभा सांसद अपने पूरे कार्यकाल में बंगले में रहने का अधिकार नहीं जता सकते. अगर उसका आवंटन खारिज हो जाता है, तो उन्हें उसे खाली करना होगा. कोर्ट में राघव चड्ढा को बंगला खाली करने के मामले में लगाई अंतरिम रोक को हटा लिया है.

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टाइप-7 बंगला में रहने का आपको रहने का अधिकार नहीं

बता दें कि राज्यसभा सांसद बनने के बाद  राघव चड्ढा को दिल्ली के पंडारा रोड स्थित टाइप-7 का बंगला आवंटित हो गया था, लेकिन कुछ दिन पता चला कि पहली बार सांसद बने राघव चड्ढा इसके लिए अधिकृत नहीं हैं. नियम के तहत पहली बार सांसद बनने वाले नेताओं को सरकारी फ्लैट आवंटित किया जाता है. अपनी गलती और भूल को सुधारते हुए राज्यसभा सचिवालय ने सांसद चड्ढा को बंगला खाली करने का नोटिस दिया था, जिसे राघव चड्ढा ने चुनौती दी और कहा कि बतौर सांसद उन्हें एक बार बंगला आवंटित हो गया है तो सांसद रहने तक वह खाली नहीं कर सकते हैं.  पटियाला हाउस कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय के बंगला खाली करने के आदेश को सही ठहराया है. 

AAP सांसद राघव चड्ढा का बयान

आप से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि विधिवत आवंटित आधिकारिक आवास को बिना किसी सूचना के रद्द करना मनमाना था. राज्यसभा के इतिहास में यह अभूतपूर्व है कि एक मौजूदा राज्यसभा सदस्य को सरकारी बंगले से हटाने की मांग की जा रही है, जबकि वह वहां पिछले कुछ समय से रह रहा है और राज्यसभा सदस्य के रूप में उसका कार्यकाल अभी 4 साल से अधिक बाकी है. 

उन्होंने आगे कहा कि राज्यसभा सचिवालय ने खुद उस आवास का आवंटन किया था. बाद में बिना किसी कारण के आवंटित आवास रद्द करना यह संकेत देता है कि यह कार्रवाई मुझे निशाना बनाने के लिए की गई है, क्योंकि मैं पंजाब और भारत के लोगों की आवाज निडरता से उठाता हूं. इसके लिए मुझे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़ी, लेकिन लोगों की आवाज उठाता रहूंगा.