logo-image

'भाईजान' ओवैसी के लिए सीमांचल दौरे के क्या हैं मायनें?, जानिए-एक क्लिक पर

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी दो दिवसीय सीमांचल दौरे पर पहुंचे लेकिन लेकिन भाईजान नाम से मशहूर असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल को ही लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के चुनावी आगाज के लिए क्यों चुना?

Updated on: 18 Mar 2023, 02:18 PM

Patna:

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी दो दिवसीय सीमांचल दौरे पर पहुंचे लेकिन लेकिन भाईजान नाम से मशहूर असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल को ही लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के चुनावी आगाज के लिए क्यों चुना? ओवैसी ने ऐसे समय  पर सीमांचल का दौरा किया है जब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सीमांचल में रैली कर चुके हैं, महागठबंधन सरकार में शामिल दल भी सीमांचल में महारैली कर अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं. ये बात सभी को पता है कि सीमांचल मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में शुमार है और बिहार में 'M' फैक्टर काफी मायने रखता है.  आरजेडी, कांग्रेस की निगाहें मुख्य रूप से मुस्लिम वोटों पर रहती है और बीजेपी भी अब सीमांचल में 'M' वोटों पर डोरे डालने में लगी हुई है और यही कारण है कि अमित शाह द्वारा बिहार में एनडीए के सरकार से हटने के बाद सबसे पहले सीमांचल का दौरा किया गया था और खुद महागठबंधन सरकार में शामिल दलों द्वारा भी सीमांचल में महारैली कर अपना शक्ति प्रदर्शन की जा चुकी है.

 

सीमांचल और AIMIM

जैसा कि सीमांचल मुस्लिम बाहुल इलाकों में शामिल है. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM के 5 सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि, 5 में से 4 AIMIM विधायक आरजेडी का दामन थाम चुके हैं. बेशक AIMIM के विधायक आरजेडी में शामिल हुए लेकिन आरजेडी को फायदे के बदले नुकसान हुआ. AIMIM द्वारा गोपालगंज और कुढ़नी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किए गए थे और दोनों ही जगह RJD यानि महागठबंधन के प्रत्याशियों की हार हुई. सियासी जानकारों के मुताबिक, महागठबंधन दलों का खेल अगर किसी ने बिगाड़ा तो सबसे ज्यादा AIMIM ने. सीमांचल इलाकों में 70 फीसदी मुस्लिम आबादी है और AIMIM मुस्लिमों को ही अपना वोट मुख्य रूप से मानती है. सीमांचल में 24 विधानसभा सीटें और 4 लोकसभा सीटें हैं. ऐसे में ओवैसी को अच्छी तरह पता है कि उन्हें क्या करना है. ओवैसी ना सिर्फ महागठबंध का खेल बिगाड़ेंगे बल्कि बीजेपी के लिए भी बेचैनी बढ़ाने का काम करेंगे. पहले भी सीमांचल में AIMIM को लाभ ही मिला था ऐसे में भाईजान यानि ओवैसी अपनी खोई हुई ताकत को फिर से सीमांचल में वापस पाना चाहेंगे.

ये भी पढ़ें-अमित शाह से तेजस्वी यादव का 'तेज सवाल', पूछा-PMO के फर्जी अफसर को कैसे मिल गई Z+ सिक्योरिटी?

मुझे मार दीजिए लेकिन सीमांचल का विकास कीजिए: ओवैसी


AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर हमला करते हुए पूर्णिया के बायसी में न्यूज़ स्टेट बिहार झारखंड से विशेष बातचीत में कहा कि मुझे मारना है मार दीजिये पर सीमांचल का विकास होना चाहिए. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि अभी तक पुर्णिया का एयरपोर्ट क्यों नही बना है. मुझे मार दीजिये लेकिन सीमांचल का विकास होना चाहिए. बताते चले कि बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचोल ने पिछले दिनों कहा था कि औवेशी के वोटिंग राइट को खत्म कर देना चाहिये उसको पाकिस्तान भेज देना चाहिए साथ ही सरकार उसको जेल भेज में बन्द कर दे. बचौल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा कि मुझे मार दो पर सीमांचल का विकास कर दो. 4 विधायकों द्वारा पार्टी का साथ छोड़ने पर ओवैसी ने कहा कि  भागे विधायक पर भी औवेशी ने कहा कि जिसका ज़मीर मर गया है उसको जनता सबक सिखाएगी.


ओवैसी ने लगाई सवालों की झड़ी

बीजेपी पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा कि सारी बातें छोड़िए. ये बताया जाना चाहिए कि पूर्णिया में अभी तक एयरपोर्ट क्यों नहीं बनाया गया? किशनगंज की रेलवे लाइन क्यों नहीं बनाते? ये काम तो केंद्र सरकार है, काम कराइए ना कौन रोक रहा है केंद्र सरकार को? ओवैसी की फिकर छोड़िए. हमको मारना है मार दीजिए लेकिन सीमांचल का विकास करवाइए. हमारी अहमियत नहीं है बल्कि सीमांचल के इंसाफ की अहमियत है. वहीं, AIMIM छोड़कर आरजेडी में गए विधायकों पर भी ओवैसी तंज कसा. उन्होंने कहा कि उन लोगों का जमीर मर चुका है. उन लोगों को जनता सबक सिखाएगी. वहीं, सीमांचल दौरे पर ओवैसी से जब पूछा गया कि उनके दौरे का क्या इम्पैक्ट होगा तो उन्होंने कहा कि वो सीमांचल के दौरे पर सिर्फ सीमांचल के लिए हैं और उसका लाभ सिर्फ सीमांचल को मिलेगा.

2 दिवसीय सीमांचल दौरे पर हैं ओवैसी

सीमांचल दौरे पर पुहंचे ओवैसी कोचाधमन और अमौर में रैली करेंगे. 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर लगभग सभी दल तैयारियां शुरू कर चुके हैं. इतना ही नहीं लगभग सभी दलों की निगाहें सीमांचल पर हैं. एक तरफ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले ही सीमांचल से चुनावी शंखनाद कर चुके हैं तो दूसरी तरफ महागठबंधन दलों के द्वारा भी महारैली कर शक्ति प्रदर्शन किया जा चुका है. अब औवैसी भी सीमांचल पहुंच चेके हैं और उनकी भी नजर सीमांचल के 4 जिलों की 4 लोकसभा और 24 विधानसभा सीटों पर है. ऐसे में ये देखना दिलचश्प होगा कि ओवैसी को सीमांचल के लोगों का कितना समर्थन मिलता है.