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बिहार में मंत्रियों की फाइल पहले CM के पास फिर मंत्रियों के पास पहुंची, जानें पूरा मामला

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने वित्त मंत्रालय की फाइल मुख्यमंत्री के पास पहले भेजने पर आपत्ति जताई है. यह मामला अब नीतीश कुमार तक पहुंच गया है. दूसरा टकराव राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच का है. शिक्षा विभाग की मीटिंग में कुलपति नहीं पहुंचे.

Updated on: 02 Mar 2024, 02:44 PM

नई दिल्ली:

बिहार में एनडीए की नई सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. बीजेपी और जदयू के बीच टकराव दिखने लगा है. टकराव के पीछे दो वजहों को अहम माना जा रहा है. इसमें एक यह है कि नीतीश कुमार ही सारे विभागों का संचालन करते हैं. यह आरोप विपक्ष की ओर से भी लगातार लगता रहा है. चर्चा है कि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने वित्त मंत्रालय की फाइल मुख्यमंत्री के पास पहले भेजने पर आपत्ति जताई है. यह मामला अब नीतीश कुमार तक पहुंच गया है. दूसरा टकराव राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच का है. शिक्षा विभाग की मीटिंग में कुलपति नहीं पहुंचे. अब सवाल है कि विश्वविद्यालयों पर किसका अधिकार? 

केके पाठक ने लिया बड़ा फैसला

इस सवाल को लेकर टकराव में राजभवन का पलड़ा शिक्षा विभाग पर भारी पड़ा. विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बुलावे पर परीक्षा की समीक्षा के लिए बुधवार को आयोजित बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति नहीं आए. राजभवन की रोक के कारण कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के कुल सचिव व परीक्षा नियंत्रक तथा मगध विवि के परीक्षा नियंत्रक को छोड़कर सभी ने आने से परहेज किया.

इसके बाद केके पाठक एक्शन में दिखे. बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति के खिलाफ शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक ने बड़ी कार्रवाई की है. बिहार के सभी कुलपतियों का वेतन रोक दिया गया है. संस्कृत विश्वविद्यालय के कुल सचिव को छोड़कर सभी कुल सचिवों का भी वेतन रोक दिया गया है.

माले विधायक ने बीजेपी पर साधा निशाना

माले विधायक अजीत कुशवाहा ने कहा कि इस गठबंधन में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है, नीतीश कुमार चाहते थे किसी और को उपमुख्यमंत्री बनाना लेकिन इनका नहीं चला अब ये दोनों उप मुख्यमंत्री के बीच में फंस गए हैं और यह सैंडविच बन गए हैं और BJP बिहार में वैसे ही ऑपरेशन चला रही है जैसे कि महाराष्ट्र में उन्होंने चलाया था वैसे ही बिहार में ये लोग विधायकों को ख़रीद कर अपने तरफ़ करके नीतीश कुमार को हटाकर और JDU के विधायक को हटा के ये लोग अकेले सरकार बनाएगी और यही पावर गेम है.

बिहार के कॉलेजों का किया जा रहा है भगवाकरण?

BJP लगातार विपक्ष के विधायकों को तोड़ के ला रही है और नीतीश कुमार केवल देखते रहते हैं और कुछ नहीं कर सकते हैं. यकीन मानिए लोक सभा चुनाव से पहले या बाद में नीतीश कुमार की सरकार चली जाएगी. वहीं कुलपति और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के बीच तनातनी को लेकर माले विधायक ने कहा कि यहां के राज्यपाल जो हैं वो RSS के नेता है और यहां पर पॉलिटिक्स कर रहे हैं. साथ ही साथ कॉलेज में ये लोग भगवाकरण करने की कोशिश कर रहे हैं राज्यपाल केवल एक राजनैतिक व्यक्ति है मोदी के एजेंडे को यूनिवर्सिटी में लागू करने की कोशिश कर रहे हैं. 

माले विधायक ने उठाए सवाल

वहीं अजीत कुशवाहा ने कहा कि इस सरकार के पास राजभवन के कार्य में हस्तक्षेप करने का पावर है लेकिन राजभवन इसमें सरकार का चलने नहीं देगी और BJP ऐसे भी नीतीश कुमार से ऊपर रह के राजनीति करना चाहती है. राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच तनातनी को लेकर राजद विधायक पत्ते बहादुर सिंह ने कहा कि यह पूरे देश की यही स्थिति है कि जब तक सामाजिक न्याय हर जगह नहीं दिखेगा. मुख्यमंत्री जी जातीय गणना कराए और जातीय गणना की आंकड़ा को भी सार्वजनिक किया गया.

उसके बाद भी लोगों को उतनी भागीदारी और हिस्सेदारी नहीं मिल रही है और नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया लेकिन नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाक़ात की थी और ये बात सामने आयी थी कि वो कुलपति की नियुक्ति के लिए नीतीश कुमार राज्यपाल से मिलने गए थे लेकिन अब तक कुलपति की नियुक्ति जातीय गणना के आधार पर नहीं की गई 

नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए

वहीं फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है राज्य भी उनका ही है. देश भी उनका है और प्रधानमंत्री के ही राज्यपाल है. इसके बाद भी अगर सरकार और राज्यपाल के बीच तनातनी है तो नीतीश कुमार को ही इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. वहीं, JDU और BJP के बीच चल रहे पावर वॉर पर फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि दोनों पार्टियां BJP और JDU दोनों में जो गठबंधन हुआ है वह वैचारिक गठबंधन नहीं है ये मतभेद वाली गठबंधन है जहां वैचारिक मतभेद होगा जहां पर दोनों का सिद्धांत एक नहीं होगा. 

कांग्रेस नेता शकील अहमद ने सरकार को घेरा

कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद ख़ान ने कहा कि मेरी चिंता राज्यभवन और शिक्षा विभाग को लेकर नहीं है, हमारी चिंता उन छात्रों को लेकर है जो पढ़ाई करते हैं लेकिन बिहार में सरकार का इक़बाल ख़त्म हो गया है. बिहार में अधिकारियों का ही इक़बाल क़ायम है. अब ऐसी स्थिति है कि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को सदन में बोलना पड़ा कैंपस से नीतीश कुमार से मुद्दों पर बात करेंगे सरकार और राजभवन को जल्द से जल्द इस टकरार को ख़त्म करना चाहिए और बच्चों को लेकर सोचना चाहिए.

वहीं पावर वॉर पर कहा कि JDU और BJP के बीच ये तकरार जारी रहेगा कि सत्ता में मैं बना रहूँ या तुम बने रहो इसी को लेकर लगातार में भारत सरकार के दोनों पार्टियों के बीच क्लैश हो रहा हैं और आने वाले समय में ये दोनों पार्टियां डूब जाएँगे

जेडीयू नेता नीरज कुमार ने क्या कहा?

राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच चल रहे टकरार पर मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि इस सरकार में कोई टकराव का वातावरण नहीं है बिहार में कुलाधिपति के सर्वोच्च सर्वे राजभवन होता है और टकराव से विश्वविद्यालय नहीं चलता है. शिक्षा विभाग राधा हस्तक्षेप नहीं कर सकता है, वहीं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पर तंज कसते हुए कहा कि राज्यपाल कुलपति की नियुक्ति कर सकते हैं और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को यह बात समझना चाहिए. वहीं JDA मिलता ही नीरज कुमार ने कहा कि अधिकारी कभी बड़ा नहीं हो सकता बड़ी विधायी की होती है और विधायिका होता है. नीति हम तय करते हैं क्रियान्वयन का अधिकार उनके पास है.

विवाद पर पूर्व डिप्टी सीएम ने क्या कहा?

BJP नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तार केश्वर प्रसाद ने शिक्षा विभाग और राज्यपाल के बीच चल रही तनातनी पर कहा कि कुलपति की नियुक्ति का आधार केवल राज्यपाल को होता है. शिक्षा विभाग इसमें हस्तक्षेप कर सकता है लेकिन इस तरीक़े से जो कार्रवाई की बात है वो नहीं कर सकता और दोनों को समन्वय बनाकर चलना चाहिए. वहीं पावर वॉर पर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है सरकार बहुत आराम से चल रही है. हमारे दोनों उपमुख्यमंत्री अनुभवी हैं और दोनों उप मुख्यमंत्री के साथ हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिलकर सरकार चला रहे हैं. कोई भी ऐसा पावर वॉर नहीं चल रहा.

रिपोर्ट : (विकास कुमार ओझा, ब्यूरो हेड, बिहार)