आरा में अस्पताल के शौचालय में मिली नवजात बच्ची, इलाज जारी
मामला आरा के सदर अस्पताल का है, जहां एक बच्ची लावारिश हालात में अस्पताल के शौचालय से मिली है.
Arrah:
वैसे तो भगवान हर किसी को मां के गर्भ से ही इस दुनिया में भेजता है. चाहे वह इंसान हो या पशु, सब अपनी मां के गर्भ के माध्यम से ही इस दुनिया में आते हैं. यानि कोई भी जीव जब गर्भ में आता है तो उसका वारिश कोई हो या ना हो, लेकिन उसकी मां जरूर उसकी वारिश होती है. लेकिन एक बच्चा जन्म लेने के साथ ही लावारिस हो गया. बिहार के आरा जिले के अस्पताल में भर्ती नन्ही सी जान की पहचान लावारिस के रूप में हो रही है और इस पर लावारिस का टैग भी लग चुका है. मां दुर्गा के नवरात्रे चल रहे हैं. लोग मां दुर्गा की पूजा कर रहे हैं. खासकर छोटी बच्चियों में लोग मां दुर्गा का स्वरूप देखते हैं और उनकी पूजा करते हैं, लेकिन आरा में एक कलयुगी मां ने अपनी बच्ची को अस्पताल कें शौंचालय में छोड़ दिया. मामला आरा के सदर अस्पताल का है, जहां एक बच्ची लावारिश हालात में अस्पताल के शौचालय से मिली है.
बच्ची को काफी मशक्कत के बाद शौचालय की नाली से निकाला गया है. हालांकि बच्ची को किसी भी प्रकार की चोट नहीं लगी है और बच्ची को उपचार के लिए लेबर वार्ड के वारमार में रखने के बाद उसे बच्चा वार्ड में भर्ती करा दिया गया. एक तरफ सरकार बेटी बढ़ाओ और बेटी बढ़ाओं के नारे को बुलंद कर रही है और बेटियां देश का नाम रौशन कर रही हैं तो दूसरी तरफ कुछ लोग बेटियों को इस तरह फेंक रहे हैं और सबसे बड़ी बात अस्पताल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी और अस्पताल स्टाफ को ये नहीं पता चल पाया कि आखिर बच्ची को किसने और कब शौंचालय की नाली में फेंका. नवजात बच्ची के शरीर पर बेशक लावारिश बच्चे का टैग अस्पताल ने लगा दिया हो, लेकिन सवाल समाज पर भी खड़ा हो रहा है कि हम और हमारा समाज आखिर जा किस तरफ रहा है.
रिपोर्ट : विशाल
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