बिहार में कांग्रेस को मिला बड़ा झटका, अनिल शर्मा ने पार्टी से दिया इस्तीफा; जानें
बिहार में सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. वह पार्टी में अपनी अनदेखी से नाराज थे. बिहार कांग्रेस में वह हाशिए पर थे और लंबे समय तक उन्हें संगठन में कोई बड़ा पद नहीं मिला.
highlights
- बिहार में कांग्रेस को मिला बड़ा झटका
- अनिल शर्मा ने पार्टी से दिया इस्तीफा
- इस्तीफे के बाद कांग्रेस पर उठाए कई बड़े सवाल
Patna:
Bihar Congress News: बिहार में सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने रविवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. वह पार्टी में अपनी अनदेखी से नाराज थे. बिहार कांग्रेस में वह हाशिए पर थे और लंबे समय तक उन्हें संगठन में कोई बड़ा पद नहीं मिला, जिसके बाद महागठबंधन में रहते हुए जातीय गणना के आंकडों पर सवाल उठाये थे. वहीं, इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि, ''1998 में जब राजद ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, तब से मैं इस गठबंधन का विरोधी रहा हूं. आरजेडी के साथ कांग्रेस का गठबंधन आत्मघाती है. लालू के कारण कांग्रेस बिहार में वोट कटवा पार्टी बनके रह गई है.''
अनिल शर्मा ने कांग्रेस पर उठाए कई बड़े सवाल
आपको बता दें कि आगे अनिल शर्मा ने कहा कि, ''बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए मैं पप्पू यादव का विरोध करता था. वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. उनका महिमामंडन नहीं कर सकता. मेरे पार्टी छोड़ने का यह भी एक कारण है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस कमजोर हुई. अध्यादेश फाड़ने वाले राहुल गांधी आज लालू के साथ गलबहियां लगा रहे मटन भात खा रहें हैं.''
वहीं आगे उन्होंने कहा कि, ''आज दिल्ली में 'इंडिया' गठबंधन की संविधान बचाओ रैली है, लेकिन सोनिया गांधी के कांग्रेस को टेक ओवर करने के बाद आंतरिक संविधान पार्टी में खत्म हो गया है. मल्लिकार्जुन खरगे एक बेचारा अध्यक्ष हैं. उनकी नहीं चलती वो रिमोट कैट्रोल से कंट्रोल हो रहे हैं.''
यह भी पढ़ें: बिहार में पहले चरण की 4 सीटों पर 70 से ज्यादा नामांकन दाखिल, जानें कहां से कितने उम्मीदवार?
RJD को भी लिया आड़े हाथ
इसके अलावा आपको बता दें कि आगे पूर्व कांग्रेस नेता निल शर्मा ने कहा कि, ''जब तक दिल्ली में राहुल, सोनिया और बिहार में लालू, तेजस्वी रहेंगे तब तक आरजेडी और कांग्रेस का गठबंधन बना रहेगा. अगर लोकसभा में महागठबंधन को 4 से 5 सीटें भी आ गई तो तेजस्वी का जंगल राज आ जाएगा. राम लला के प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण ठुकराना सोनिया गांधी का कदम सांप्रदायिक है.''
इसके साथ ही आपको बता दें कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और अनिल शर्मा ने टिकट बंटवारे के तरीके पर भी सवाल उठाए थे. वहीं अनिल शर्मा कई बार कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुके हैं. बता दें कि अनिल शर्मा भूमिहार समुदाय से आते हैं और मई 2009 में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष बने. वह लगभग साढ़े तीन साल तक अध्यक्ष रहे.
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