बिहार के गोपालगंज जहरीली शराबकांड में 9 को फांसी, 4 महिलाओं को उम्रकैद
अदालत ने 13 आरोपियों को दोषी पाते हुए 9 दोषियों को फांसी (Death Sentence) की सजा सुनाई है, जबकि चार महिलाओं को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
highlights
- 2016 में जहरीली शराब से 19 लोगों की मौत हुई थी
- दर्जन भर लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी
- शराब कांड में बिहार में पहली बार हुई है फांसी
गोपालगंज:
बिहार के गोपालगंज की चर्चित खजूरबानी शराबकांड (Hooch Tragedy) में गोपालगंज के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय लवकुश कुमार की उत्पाद विशेष अदालत ने शुक्रवार को 13 आरोपियों को दोषी पाते हुए 9 दोषियों को फांसी (Death Sentence) की सजा सुनाई है, जबकि चार महिलाओं को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. जिन चार लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है, उन्हें 10 लाख रुपये का आर्थिक दंड का भी जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने 26 फरवरी इन सभी को इस मामले में दोषी पाते हुए शुक्रवार को सजा की तिथि मुकर्रर की थी. उन्होंने कहा अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर दोषियों को सजा सुनाई है.
साढ़े चार साल चला मुकदमा
कोर्ट के फैसले के बाद सभी दोषियों को कड़ी सुरक्षा में जेल भेज दिया गया. करीब साढ़े चार वर्षों तक चले मुकदमे में अभियोजन पक्ष से सात और बचाव पक्ष की ओर से एक की गवाही हुई. 26 फरवरी को 14 में से 13 लोगों को दोषी ठहराया गया था. एक आरोपित ग्रहण पासी की पहले ही मौत हो चुकी है. गौरतलब है कि 15 व 16 अगस्त 2016 को गोपालगंज के नगर थाने के खजूरबानी में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी. इस शराब कांड में 10-12 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी.
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इन्हें मिली फांसी और उम्रकैद की सजा
फांसी की सजा पानेवालों में खजूरबानी के रहने वाले छठू पासी, कन्हैया पासी, नगीना पासी, लालबाबू पासी, राजेश पासी, सनोज पासी, संजय चौधरी, रंजय चौधरी तथा मुन्ना चौधरी शामिल हैं. उम्रकैद की सजा पाने वालों में लालझरी देवी, कैलासो देवी, रीता देवी तथा इंदू देवी शामिल हैं. बिहार में शराबबंदी लागू है, इसके बावजूद राज्य के किसी न किसी इलाके से प्रतिदिन शराब बरामदगी की सूचना आती है.
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जहरीली शराबकांड में फांसी की पहली सजा
खजूरबानी जहरीली शराब कांड में बिहार में पहली बार किसी कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. इसके पूर्व अलग-अलग जिलों में शराब की बरामदगी के मामले में आरोपितों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. खजूरबानी कांड के बाद नगर थाने के सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था. बाद में राज्य सरकार ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया. हालांकि पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी के आदेश को चार फरवरी 2021 को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था.
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