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Bihar News: कहीं आप भी तो नहीं फूंक रहे नकली सिगरेट, 3 करोड़ का माल बरामद

बिहार के कैमूर जिले में पुलिस ने नकली सिगरेट बनाने वाली कंपनी का खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

Updated on: 18 Jul 2023, 09:06 AM

highlights

  • नकली सिगरेट बनाने वाली कंपनी का खुलासा
  • पुलिस ने 9 आरोपियों को किया गिरफ्तार
  • मुख्य आरोपी मौके से फरार
  • 3 करोड़ की नकली सिगरेट जब्त

Kaimur:

बिहार के कैमूर जिले में पुलिस ने नकली सिगरेट बनाने वाली कंपनी का खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी मौके से फरार बताया जा रहा है. इसके साथ ही पुलिस ने मौके से 3 करोड़ की नकली सिगरेट जब्त की है और 20 करोड़ की सिगरेट बनाने वाली मशीन भी जब्त की गई है. पुलिस ने मौके से दो पिकअप और सिगरेट बनाने वाले कई अन्य उपकरण भी जब्त किए हैं. बताया जा रहा है कि ये आरोपी अलग-अलग 16 ब्रांड के नकली सिगरेट बनाने का काम करते थे. पुलिस मुख्य सरगना को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है. बताया जा रहा है कि वो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. ये लोग यूपी और बिहार की बॉर्डर पर स्थित चांद थाना क्षेत्र के बीउरी में कई सालों से अवैध सिगरेट बनाने का काम कर रहे थे.

पुलिस ने 9 आरोपियों को किया गिरफ्तार

मामले की जानकारी देते हुए कैमूर एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया कि बियूरी गांव में अवैध सिगरेट बनाने का फैक्ट्री चल रही थी. इसकी जानकारी मिलने पर एसडीपीओ भभुआ के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. टीम ने रात में छापामारी कार्रवाई को अंजाम दिया. पुलिस को मौके पर काफी संख्या में सिगरेट बनाते लोग मिले. जिसके बाद पुलिस ने सभी को पकड़ लिया और मौके से 16 ब्रांडों के 16 लाख बनी हुई सिगरेट जब्त की. कार्रवाई में 9 लोगों की गिरफ्तारी की गई है. 

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3 करोड़ की नकली सिगरेट जब्त

जब्त सिगरेट की मार्केट वैल्यू करीब तीन करोड़ रुपए है. इसका मुख्य सरगना उत्तर प्रदेश के बनारस का रहने वाला है. उसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी चल रही है. वह बहुत जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. गिरफ्तार सभी लोग विशेषज्ञ हैं. मजदूर नहीं है. यह पहले भी सिगरेट बनाने का काम करते थे. जहां ये सिगरेट बनाने की फैक्ट्री चला रहे थे उससे कुछ ही दूरी पर ही इनका गोदाम था. यह सभी लोग रात में सिगरेट बनाया करते थे और सुबह होते ही पूरी तरह से गोदाम को साफ कर देते थे, जिससे किसी को पता ना चले कि यहां पर सिगरेट बनाने का काम भी चलता है.