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CM नीतीश ने बिहारवासियों को विजयादशमी की दी बधाई, भाईचारे एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विजयादशमी के मौके पर लोगों को इसकी हार्दिक बधाई दी है. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि, ''विजयादशमी के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.

Updated on: 24 Oct 2023, 02:37 PM

highlights

  • CM नीतीश ने बिहारवासियों को विजयादशमी की दी बधाई
  • विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है
  • भाईचारे एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील

 

Patna:

Vijayadashami 2023: देशभर में विजयदशमी की धूम हर तरफ देखने को मिल रही है. इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विजयादशमी के मौके पर लोगों को इसकी हार्दिक बधाई दी है. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि, ''विजयादशमी के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. इसे विजय पर्व के रूप में मनाया जाता है, यह असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है.'' वहीं आगे नीतीश कुमार ने कहा कि, ''यह एक ऐसा त्यौहार है जो हमारे जीवन में संयम और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है. इस त्यौहार को हर्षोल्लास, सौहार्द, भाईचारे एवं शांतिपूर्ण ढंग से मनायें.''

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आपको बता दें कि विजयादशमी हर साल आश्विन मास के दसवें दिन मनाई जाती है. बता दें कि दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. आश्विन मास की दशमी तिथि को पूरे देश में दशहरा या विजयादशमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.दुर्गा पूजा की दशमी तिथि को मनाया जाने वाला दशहरा बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है. दशहरा या विजयादशमी के दिन बिना शुभ मुहूर्त के भी शुभ कार्य किए जा सकते हैं.

इसके साथ ही आपको बता दें कि दशहरा या विजयादशमी सर्वसिद्धि देने वाली तिथि मानी जाती है इसलिए इस दिन सभी शुभ कार्य फलदायी माने जाते हैं. दशहरा का त्यौहार शक्ति और सामर्थ्य के समन्वय को दर्शाने वाला त्यौहार है. बता दें कि जो व्यक्ति नवरात्रि के नौ दिनों में जगदंबा की आराधना करके शक्तिशाली बन गया है वह विजय प्राप्त करने के लिए तत्पर रहता है. इस दृष्टि से दशहरे अर्थात विजय के लिए प्रस्थान का उत्सव का उत्सव आवश्यक भी है. दशहरा या विजयादशमी चाहे राम की विजय के रूप में मनाया जाए या दुर्गा पूजा के रूप में, दोनों ही रूपों में यह शक्ति की पूजा का पर्व है, शस्त्र पूजा की तिथि है, हर्ष-उल्लास का पर्व है और विजय का पर्व है.