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लोकसभा चुनाव

ED के एक्शन के बाद सुर्खियों में MLA किरण देवी, मानी जाती हैं लालू की खास

बिहार की नीतीश सरकार ने 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत जीतकर विपक्ष को करारा जवाब दिया और बिहार में अपनी सरकार बनाई. इसके साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हालिया पलटवार के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है.

Updated on: 06 Mar 2024, 04:03 PM

highlights

  • ED के एक्शन के बाद सुर्खियों में MLA किरण देवी
  • संजय सिंह को हराकर अरुण यादव ने हासिल की थी जित
  • किरण देवी के पास है इतना संपत्ति 

Patna:

Bihar Politics News: बिहार में सरकार बदलने के बाद से ही किरण देवी का यह नाम बिहार की राजनीति में खूब चर्चा बटोर रहा है. संदेश विधानसभा सीट से राजद विधायक किरण देवी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई की कार्रवाई के बाद ईडी ने भी छापेमारी की है. बता दें कि बीते दिनों आरा और पटना के ठिकानों पर एजेंसी ने छापेमारी की और इस छापे के दौरान कई सबूत जुटाए गए. वहीं विधायक किरण देवी और उनके पति पूर्व विधायक अरुण यादव लालू परिवार के करीबी माने जाते हैं. अपनी मजबूत छवि और धनबल के कारण किरण देवी और उनके पति पर गंभीर आरोप लगे हैं.

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किरण देवी के खिलाफ चुनाव लड़े थे बिजेंद्र यादव 

आपको बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में लालू यादव की पार्टी ने किरण देवी को टिकट दिया था. वहीं दूसरी ओर सीएम नीतीश ने किरण देवी के साले और अरुण यादव के बड़े भाई बिजेंद्र यादव को मैदान में उतारा था. इस चुनाव में बिजेंद्र यादव का सीधा मुकाबला उनके छोटे भाई की पत्नी किरण देवी से था. चुनाव के समय अरुण यादव दलित नाबालिग से रेप के मामले में फरार चल रहे थे, लेकिन बाद में आरा कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया. हालांकि, तेजस्वी यादव ने इस बाहुबली विधायक की पत्नी किरण देवी पर भरोसा जताया और उन्हें अपने जीजा के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा, जिसमें किरण देवी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी.

संजय सिंह को हराकर अरुण यादव ने हासिल की थी जित

वहीं आपको बता दें कि 2015 के चुनाव में संदेश सीट से राजद प्रत्याशी अरुण यादव ने बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह टाइगर को 25427 वोटों से हराया था. इसके अलावा 2010 के विधानसभा चुनाव में बिजेंद्र यादव अपने छोटे भाई और राजद के कद्दावर विधायक अरुण यादव के कारण हार गये थे. दोनों भाई के बीच लड़ाई में 2010 में संजय टाइगर ने बाजी मार ली थी. संजय टाइगर महज 6 हजार वोटों से जीते थे, जबकि राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मौजूदा विधायक बिजेंद्र यादव तीसरे स्थान पर खिसक गये थे, क्योंकि उनके छोटे भाई अरुण यादव को 2010 के चुनाव में 23 हजार से ज्यादा वोट मिले थे. इसके कारण वह दूसरे स्थान पर थे. बता दें कि चुनाव के दौरान अरुण यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और उन्होंने कहा था कि जीत के बाद वह लालू यादव का समर्थन करेंगे.

किरण देवी के पास है इतना संपत्ति 

आपको बता दें कि 50 साल की किरण देवी ने अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि, उनके पास करीब 80 लाख रुपये के जानवर, 450 ग्राम सोना और दो किलो चांदी है. वहीं, अगियाव में जिस आवासीय भवन परिसर में एक बेड भी है, उसकी कीमत सत्तर लाख बताई जा रही है. कुल संपत्ति 2 करोड़ 95 लाख 31 हजार 250 रुपये है. माना जाता है कि किरण देवी के पति अरुण यादव ने बालू कारोबार के बाद अकूत संपत्ति अर्जित की है.