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Sports News: बिहार की बेटी का नेशनल रग्बी टीम में सलेक्शन, खेलने जाएगी चीन

बिहार की बेटी विश्व पटल पर देश का लौहा मनवाने की तैयारी में है. सुपौल की 16 साल की बेटी अंशु कुमारी ने वो कर दिखाया.

Updated on: 16 Aug 2023, 07:28 PM

highlights

  • रग्बी टीम में हुआ अंशु का चयन
  • एक साल पहले बन कर गई थी जिले की रिजर्व प्लेयर
  • 29 खिलाड़ियों की सूची में छठे स्थान पर अंशु

Supaul:

बिहार की बेटी विश्व पटल पर देश का लौहा मनवाने की तैयारी में है. सुपौल की 16 साल की बेटी अंशु कुमारी ने वो कर दिखाया. जो कोई ना कर सका. अंशु कुमारी का नेशनल रग्बी टीम के लिए सलेक्शन हो गया है. दरअसल चीन के ताईपे में 30 सितंबर से 1 अक्टूबर तक अंतरराष्ट्रीय रग्बी फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन होना है. इसके लिए रग्बी एसोसिएशन ने 29 महिला खिलाड़ियों की सूची जारी की है. जिसमें बिहार की बेटी अंशु का नाम छठे स्थान पर है.

29 खिलाड़ियों की सूची में छठे स्थान पर अंशु

आपको बता दें कि सुपौल के पिपरा प्रखंड की रहने वाले अंशु कुमारी 10वीं क्लास में पढ़ाई करती हैं. अंशु पिछले चार सालों से एथलेटिक्स में हिस्सा लेती आ रही हैं और दौड़ लगाने में भी अच्छी हैं. 27 मई 2022 को पहली बार अंशु ने रग्बी टीम में हिस्सा लिया और वो बतौर रिजर्व प्लेयर चुनी गई थी. इसी साल बीते 5 से 7 मई को सुपौल में अंतरजिला टूर्नामेंट हुआ. हालांकि सुपौल क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बाहर हो गया लेकिन अंशु स्टेट टीम में चुन ली गई. इसके बाद 5 से 7 जून को महाराष्ट्र के पुणे में अंतरराज्यीय प्रतियोगिता में बिहार तीसरे स्थान पर रहा. अपने खेल से अंशु ने चयनकर्ताओं को रिझा लिया. इस बार नेशनल गेम के लिए 29 खिलाड़ियों की सूची में उसका नाम छठे स्थान पर है.

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ट्रेनिंग के लिए जाएगी ओडिशा

हालांकि अभी उड़ीसा की ट्रेनिंग के बाद 15 खिलाड़ियों की अंतिम सूची जारी होगी, लेकिन 29 खिलाड़ियों की सूचि में नाम आने के बाद से ही अंशु के परिवार में खुशी का माहौल है. बता दें कि अंशु के पिता पवन कुमार साह भी क्रिकेटर रह चुके हैं, लेकिन जब वो क्रिकेट खेलते थे, उस समय अचानक बिहार क्रिकेट बोर्ड भंग हो गया. इसके साथ ही उनका अपना भी अधूरा रह गया, लेकिन अब वो अपने इस सपने को बेटी के जरिए पूरा कर रहे हैं. अंशु की मां भी अपनी बेटी को बेहतरीन प्लेयर बनाने में अपना पूरा सहयोग दे रही हैं. अंशु की इस सफलता के पीछे का कारण उसकी मेहनत और उसके परिवार का साथ भी है. जिसके बदौलत अंशु गांव की गलियों के निकलकर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई है.

रिपोर्ट : केशव कुमार