फ्लोर टेस्ट से पहले चिराग पासवान ने किया मांझी का समर्थन, कहा- मांग जायज
बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बन चुकी है. इस बीच मंत्रिमंडल में अपनी हिस्सेदारी को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी मांग करते नजर आ रहे हैं.
highlights
- चिराग पासवान ने किया मांझी का समर्थन
- मांझी के मांग को बताया जायज
- मांझी को महागठबंधन ने दी पेशकश
Patna:
बिहार में एक बार फिर से एनडीए की सरकार बन चुकी है. इस बीच मंत्रिमंडल में अपनी हिस्सेदारी को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी मांग करते नजर आ रहे हैं. जीतन राम मांझी ने जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राज्य में हिंदूस्तानी अवाम मोर्चा के लिए अधिक हिस्सेदारी की मांग की है. बता दें कि मांझी के बेटे संतोष सुमन ने रविवार को एनडीए सरकार के गठन के दौरान मंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही संतोष कुमार ने कहा कि वह उच्च जाति के उम्मीदवार के लिए एक और कैबिनेट बर्थ चाहते हैं. वहीं, 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान भी मांझी के समर्थन में बोलते नजर आए.
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चिराग ने मांझी के मांग को बताया जायज
चिराग पासवान ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में उनकी मांग जायज है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि गठबंधन के अंदर जीतन राम मांझी की क्या बातचीत हुई है और वह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी थे. मुझे नहीं पता कि कौन क्या खेला करेगा. आपको बता दें कि इससे पहले मांझी ने कहा था कि एनडीए सरकार के गठन से पहले उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से हुई थी और हम पार्टी ने दो कैबिनेट बर्थ चाहता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम के पास अनुसूचित जाति से एक मंत्री है और अब वे चाहते हैं कि उनके पास उच्च जाति से भी एक नेता शामिल हो.
मांझी को महागठबंधन ने दी पेशकश
हम पार्टी के सूत्रों की मानें तो मांझी भूमिहार नेता अनिल कुमार के लिए वकालत कर रहे थे, जो टेकारी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. जिसके कुल चार विधायक हैं. बता दें कि मांझी ने 2022 में एनडीए का साथ छोड़ दिया था और छह महीने पहले ही उन्होंने फिर से भाजपा का हाथ थामा है. मांझी ने यह भी कहा कि अगर उनकी मांग को नजरअंदाज किया जाता है तो यह अन्याय होगा. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेताओं ने उनके परिवार के सदस्यों से बात कर उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनाए जाने की भी पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने प्रलोभन का विरोध किया और एनडीए के प्रति वफादारी दिखाई.
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