SC ने IOA को संविधान को अपनाने को कहा, फैसले का ईमानदारी से पालन हो
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की कार्यकारी समिति के चुनाव और संविधान को अपनाने को लेकर उसके आदेशों का पूरी ईमानदारी के साथ पालन किया जाना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश डी. वाइ चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश हुए सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता का आश्वासन दर्ज किया कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एल एन राव द्वारा तैयार किये गए आईओए के संविधान को आईओए की सालाना आम बैठक में स्वीकार कर लिया गया है.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्देश दिया कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की कार्यकारी समिति के चुनाव और संविधान को अपनाने को लेकर उसके आदेशों का पूरी ईमानदारी के साथ पालन किया जाना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश डी. वाइ चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश हुए सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता का आश्वासन दर्ज किया कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एल एन राव द्वारा तैयार किये गए आईओए के संविधान को आईओए की सालाना आम बैठक में स्वीकार कर लिया गया है.
हालांकि, याचिकाकर्ता राहुल मेहरा ने दावा किया कि शीर्ष अदालत द्वारा 10 अक्टूबर और 3 नवंबर को पारित निर्देशों के संबंध में उल्लंघन हुआ है. शीर्ष अदालत ने आईओए की कार्यकारी समिति के लिए संविधान के मसौदे को अपनाने और 10 दिसंबर को होने वाले मतदान के संबंध में निर्देश पारित किए थे.
मेहरा ने कहा कि 10 नवंबर को आईओए की आम सभा की बैठक में संविधान के मसौदे को अपनाया गया था, लेकिन बैठक के ब्यौरे में साफ है कि इसमें कुछ बदलावों को भी स्वीकृति दे दी गई है.
पीठ, जिसमें जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी शामिल थे, उन्होंने मेहरा द्वारा दायर अवमानना याचिका का निपटारा किया और कहा कि यदि कोई बदलाव का सुझाव दिया जाता है, तो उन्हें अदालत की स्पष्ट अनुमति के साथ अपनाया जाएगा और 10 अक्टूबर को पारित आदेश और 3 नवंबर के आदेश में चुनाव कार्यक्रम का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए.
तीन नवंबर को न्यायालय ने न्यायमूर्ति नागेश्वर राव के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए आईओए की कार्यकारी समिति के चुनाव दस दिसंबर को कराने की अनुमति दे दी थी . (तत्कालीन) जस्टिस चंद्रचूड़ और कोहली की पीठ ने कहा था: इस अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव ने 2 नवंबर 2022 को एक नोट जमा किया है. नोट व्यापक अभ्यास को इंगित करता है जो पूर्व न्यायाधीश द्वारा किया गया है. यह नोट उस व्यापक अभ्यास को इंगित करता है जिसे पूर्व न्यायाधीश ने त्वरित आधार पर किया है. अदालत उस मुस्तैदी की सराहना करती है जिसके साथ राष्ट्रहित में असाइनमेंट लिया गया है. न्यायाधीश ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और राज्य संघों सहित सभी हितधारकों के साथ बातचीत की है. पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति राव द्वारा प्रस्तुत नोट के संदर्भ में व्यापक सहमति है कि चुनाव 10 दिसंबर को होना चाहिए.
अपने आदेश में कहा: भारतीय ओलंपिक संघ के संविधान में प्रस्तावित संशोधनों को आज ही परिचालित किया जाना है ताकि 10 नवंबर 2022 को आम सभा की बैठक हो सके. इस संबंध में जो प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है उसे स्वीकार किया जाता है. प्रस्तावित संशोधनों को परिचालित करने की अनुमति है. न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव प्रस्तावित संशोधनों के संचलन के तौर-तरीकों को निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं.
शीर्ष अदालत ने 10 अक्टूबर को आईओए और उसके चुनावों के प्रारूप संविधान में संशोधन के लिए समयसीमा को मंजूरी दी थी, जैसा कि 27 सितंबर को स्विट्जरलैंड के लुसाने में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के साथ बैठक में सहमति बनी थी.
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