दांत काटने पर भी रवि दहिया ने नहीं छोड़ी गर्दन, दर्द सहते हुए भी धूल चटाई
भारतीय पहलवान रवि दहिया टोक्यो ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे पहलवान बन गए.
नई दिल्ली:
तोक्यो ओलिंपिक में कुश्ती के पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बन गए रवि दहिया. सेमीफाइनल मुकाबले में कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को हराकर फाइनल में प्रवेश करने के साथ ही भारत के लिए एक और पदक पक्का कर लिया है. वहीं, मैच आखिरी मिनट में उन्होंने कजाख पहलवान के पैरों पर हमला किया और इसके बाद उन्होंने अपनी मजबूत भुजाओं में विपक्षी को जकड़ लिया. इसी समय विपक्षी पहलवान ने पकड़ से छूटने के लिए रवि को काटना शुरू कर दिया, लेकिन हरियाणवी छोरे ने भी जीत की ठान रखी थी. रवि ने अपनी मजबूत ढीली नहीं की और चित करते हुए मुकाबला अपने नाम कर लिया. फोटो में उनकी दाहिनी बांह में काटने के गहरे निशान का खुलासा हुआ. इस मोमेंट की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. लोग सानायेव की आलोचना कर रहे हैं. बात भी सही है. हार सामने देख दांत से काटना कहां से खेल भावना है?
If you want to know the pain of a wrestler.. Watch this pic..
— Anurag Sinha (@anuragsinha1992) August 4, 2021
When Ravi Dahiya was pinning the wrestler down the Kazakistan
Wrestler started biting him but he still pinned him.. #Wrestling Must see and SHARE ravi dahiya bravery #Ind #TeamIndia #Tokyo2020 pic.twitter.com/0fGPohbGi0
इतिहास रचने उतरेंगे रवि दहिया
भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया आज इतिहास रचने उतरेंगे. रवि ने सेमीफाइनल में कजाक पहलवान के खिलाफ जिस तरह का खेल दिखाया, उससे लगता है कि वह भारत के लिए कुश्ती में स्वर्ण जीतने वाला पहला पहलवान बनकर भारतीय खेल जगत में हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो जाना चाहेंगे. पुरुष फ्रीस्टाइल के 57 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में पीछे चल रहे होने के बावजूद कजाखस्तान के नूरइस्लाम सनायेव को हराकर फाइनल में प्रवेश करने के साथ ही रवि ने वैसे तो अपने और देश के लिए रजत पदक पक्का कर लिया है लेकिन उनका इरादा यहीं रुकने का नहीं होगा.
कुश्ती में लंदन ओलंपिक में सुशील कुमार रजत पदक जीत चुके हैं. रवि इससे भी आगे जाना चाहेंगे लेकिन इसके लिए उन्हें फाइनल में रूस के जायूर उगयेव की चुनौती को समाप्त करनी होगी. वैसे रवि के लिए यह मुकाबला आसान नहीं होगा क्योंकि उगयेव दो बार के विश्व चैम्पियन (2018, 2019) हैं और जो यह मानते हैं कि सफलता 99 फीसदी मेहनत और एक फीसदी टैलेंट पर आश्रित होती है. जिस साल (2019) में उगयेव ने नूर सुल्तान में विश्व चैम्पियनशिप का सोना जीता था, उसी साल रवि ने इसी वर्ग में कांस्य जीता था. वह मौजूदा एशियाई चैम्पियन (2020, 2021) और यू23 विश्व चैम्पियनशिप (2018) के रज पदक विजेता हैं.
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