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मांकड विकेट पर तेज हुई बहस, जानिए कब, कहां और कैसे हुई थी शुरुआत

अश्विन ने मांकड के लिए एक नए विकल्प का सुझाव दिया. अनुभवी गेंदबाज ने कहा कि यदि नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़ा बल्लेबाज गेंद फेंके जाने से पहले क्रीज से बाहर निकलता है तो अंपायर को गेंदबाज के पक्ष में फ्री बॉल दी जानी चाहिए.

Updated on: 26 Aug 2020, 01:07 PM

नई दिल्ली:

आईपीएल (IPL) के 12वें सीजन में रविचंद्रन अश्विन (Ravinchandran Ashwin) ने किंग्स 11 पंजाब (KXIP) के लिए खेलते हुए राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royaks) के बल्लेबाज जोस बटलर (Jos Buttler) को बिना कोई चेतावनी दिए मांकड आउट किया था. बटलर को मांकड आउट करने के बाद अश्विन की काफी आलोचना भी हुई थी. इसके बावजूद अश्विन मांकड में कुछ बुराई नहीं मानते हैं. आलोचनाओं से घिरे अश्विन का कहना था कि मांकड विकेट क्रिकेट का ही एक हिस्सा है और आईपीएल में बटलर को मांकड आउट करना नियमों के खिलाफ नहीं था. इसके बावजूद दुनियाभर के कई क्रिकेट दिग्गजों ने 'खेल भावना का उल्लंघन करने के लिए' अश्विन पर हमला बोला था. बता दें कि आईपीएल के 13वें सीजन में रविचंद्नन अश्विन दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलेंगे.

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आईपीएल अब कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग ने सीधे शब्दों में कहा कि वे मांकडिंग विकेट के समर्थन में नहीं हैं. इतना ही नहीं, पोंटिंग ने कहा था कि वे अपनी टीम के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन से भी इस विषय पर बात करेंगे. पोंटिंग ने कहा था कि उन्होंने अपनी टीम के खिलाड़ियों से मांकडिंग को लेकर बात की थी. उन्होंने टीम के खिलाड़ियों के साथ बातचीत में कहा था कि अश्विन ने आईपीएल के 12वें सीजन में बटलर को मांकड आउट किया था और टूर्नामेंट में ऐसे कई गेंदबाज होंगे जो ऐसा करने के बारे में सोचेंगे. लेकिन हम अपनी क्रिकेट खेलेंगे. हम ऐसा नहीं करेंगे. पोंटिंग के इस बयान पर ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज ब्रैड हॉग ने उनके इस बयान का समर्थन नहीं किया था. पोंटिंग की कप्तानी में कई मैच खेल चुके हॉग ने अश्विन का समर्थन करते हुए कहा था और कहा था कि यदि एक गेंदबाज को मांकड नहीं करना चाहिए तो नॉन स्ट्राइकर छोर के बल्लेबाज को भी क्रीज से बाहर नहीं निकलना चाहिए. हॉग ने कहा था कि बल्लेबाज गेंद फेंकने से पहले ही क्रीज छोड़ देते हैं, जबकि उन्हें पता है कि उन्हें इसका फायदा मिल रहा है और ये खेल की भावना है.

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आईपीएल सीजन 13 शुरू होने से ठीक पहले चर्चा का विषय बने मांकड को लेकर कई खिलाड़ी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. इसी सिलसिले में टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज और आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक ने भी अपनी बात रखी. कार्तिक ने कहा कि इस नियम को खेल भावना या मांकड के नाम से जोड़ना गलत है. कार्तिक के इस बयान पर अश्विन ने फिर अपनी बात रखी. अश्विन ने मांकड के लिए एक नए विकल्प का सुझाव दिया. अनुभवी गेंदबाज ने कहा कि यदि नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़ा बल्लेबाज गेंद फेंके जाने से पहले क्रीज से बाहर निकलता है तो अंपायर को गेंदबाज के पक्ष में फ्री बॉल दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि उस गेंद पर बल्लेबाज आउट होता है तो बल्लेबाजी कर रही टीम के 5 रन काट देने चाहिए. उन्होंने कहा कि फ्री हिट बल्लेबाज के लिए फायदेमंद होती है, अब गेंदबाज को भी मौका मिलना चाहिए.

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गेंदबाज ने बताया कि अभी तक सभी दर्शक सिर्फ इसी उम्मीद से मैच देखते हैं कि गेंदबाजों की धुनाई होगी. उन्होंने कहा कि यदि मैच में रोमांच बढ़ाने के लिए फ्री हिट हो सकता है तो गेंदबाजों को भी एक मौका मिलना चाहिए. ऑफ स्पिनर के ट्वीट के बाद भारत के पूर्व क्रिकेटर डब्ल्यू.वी. रमन, रोहन गावस्कर और कॉमेंटेटर हर्षा भोगले ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी. डब्ल्यू. वी. रमन ने कहा कि यदि आपको क्रीज में रहना है तो वहीं रहें, बाहर न निकलें. रोहन गावस्कर ने कहा कि खेल भावना एक अस्पष्ट शब्द है. क्या यह खेल भावना के तहत नहीं आता कि आउट होने के बारे में पता होने के बावजूद बल्लेबाज क्रीज से बाहर निकल जाता है और खेल भावना का लाभ उठाता है. तो वहीं, हर्षा भोगले चाहते हैं कि इसके नियम को सरल बनाया जाए. जहां यह स्पष्ट रूप से कहा जाए कि बल्लेबाजों को क्रीज के अंदर ही रहना चाहिए.

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क्रिकेट के नियमों के तहत यदि दूसरे छोर पर खड़ा कोई बल्लेबाज गेंद फेंके जाने से पहले क्रीज से बाहर निकलता है तो उसे आउट किया जा सकता है. क्रिकेट में एक बल्लेबाज कई तरह से आउट हो सकता है और मांकड भी इसी का एक हिस्सा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आउट होने के इस नियम को मांकड नाम कैसे और कब मिला. चलिए तो फिर आपको बताते हैं कि ये मांकड विकेट को कब कैसे नाम मिला.

भारत के पूर्व गेंदबाज वीनू मांकड के नाम पर इस तरह के विकेट का नाम मांकड विकेट पड़ा. बता दें कि 13 दिसंबर, 1947 को खेले गए एक मैच में वीनू मांकड ने दूसरे छोर पर खड़े ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज बिल ब्राउन को क्रीज से बाहर निकलने पर रन आउट किया था. मैच में बिल ब्राउन बार-बार गेंद फेंकने से पहले ही क्रीज से बाहर निकल जा रहे थे. ब्राउन की इस हरकत पर मांकड ने उन्हें चेतावनी भी दी थी लेकिन ब्राउन नहीं माने. जिसके बाद उन्होंने दूसरी बार क्रीज से बाहर निकलने पर ब्राउन को रन आउट कर दिया था. मांकड द्वारा ब्राउन को इस तरह से आउट करने पर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया भड़क गया था और उन्होंने वीनू मांकड के व्यवहार को खेल भावना के खिलाफ बताया था. लेकिन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान डॉन ब्रैडमैन ने माकंड द्वारा आउट किए बिल ब्राउन के मामले पर गेंदबाज का समर्थन किया था. उस घटना के बाद से ही इस तरह से आउट होने को मांकडिंग नाम मिल गया.